भरतपुर

ऑनलाइन प्रक्रिया ने अटकाया था पशु गणना का गणित

भरतपुर. ऑनलाइन प्रक्रिया के झंझट ने राज्य में पशुओं की गणना के कार्य को एक वर्ष तक अटकाए रखा। यही स्थिति जिले में भी रही, जिससे पशुओं की संख्या का सही आंकलन करना कठिन हो गया।

भरतपुरDec 13, 2018 / 04:49 pm

pramod verma

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भरतपुर. ऑनलाइन प्रक्रिया के झंझट ने राज्य में पशुओं की गणना के कार्य को एक वर्ष तक अटकाए रखा। यही स्थिति जिले में भी रही, जिससे पशुओं की संख्या का सही आंकलन करना कठिन हो गया। मगर, अब ऑनलाइन प्रक्रिया व्यवस्थित होने से पशुपालन विभाग ने पशु गणना का कार्य प्रारम्भ करा दिया है। इसके लिए जिले में 120 पशुधन सहायक व 50 सुपरवाइजरों को लगाया है जो निदेशालय की ओर से दिए गए कम्प्यूटर टेबलेट्स से गांवों में पशु पालकों के घर जाकर गणना कर रहे हैं।
गौरतलब है कि विभाग को समयावधि के अनुरूप पांच वर्ष में पशु गणना करनी होती है। यह राज्य सहित जिले में वर्ष 2012 में की गई। तब जिले में 1.66 लाख गाय और 8.36 लाख भैंसवंश का आंकलन किया गया। वहीं राज्य में 01 करोड़ 29 लाख 76 हजार 95 भैंसवंश व 01 करोड़ 33 लाख 24 हजार 462 गायवंश की गणना की गई थी। इसके बाद पशुगणना वर्ष 2017 में करानी थी, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया से कराने के कारण एक वर्ष तक लटकी रही।

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. नगेश चौधरी ने बताया कि पशु गणना में एक वर्ष की देरी होने का कारण ऑनलाइन से होना है। इसके लिए जिले में 120 और राज्य में करीब 6500 पशुधन सहायकों को प्रशिक्षित किया है। वहीं जिले के पशुधन सहायकों को 78 टेबलेट कम्प्यूटर दिए हैं। इससे यह गांवों में पशुपालकों के घर जाकर गणना का कार्य कर रहे हैं। यह गणना दो माह के निर्धारित समय में करनी है। तभी राज्य व जिले में पशुओं की स्थिति सामने आ पाएगी।

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