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सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने घोंटे आशियाने के अरमान

locationभरतपुरPublished: Nov 25, 2022 04:47:18 pm

Submitted by:

Gaurav

The order of the Supreme Court choked the desires of the house

सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने घोंटे आशियाने के अरमान

सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने घोंटे आशियाने के अरमान

दायरे से अंजान लेखा-जोखा!
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद खुद दायरे में आने वाले भूखण्डों की नहीं जानकारी

भरतपुर. यूआइटी ने आगरा-जयपुर हाइवे पर मेडिकल कॉलेज (medical college) के पास एक नया शहर बसाने का सपना देखा था। इसके लिए यहां कई आसपास के ग्रामीणों की भूमि का अवाप्त किया गया और इस योजना को नाम दिया गया सेक्टर-13, इसमें यूआइटी का सभी सुविधाओं सहित करीब दो लाख की आबादी बसाने का सपना था। मगर जून 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर यूआइटी के इस सपने पर पानी फेर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि विश्व धरोहर आदि के एक किमी दायरे में कोई भी नव निर्माण कार्य नहीं हो सकता। इसके बाद विभागीय कर्मचारियों में हलचल हो गई। एक तो यह योजना पहले ही लेट हो रही थी और कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर यह योजना अटक गई। आश्चर्यजनक बात ये है कि जिम्मेदारों को इस बात की खबर तक नहीं की। विश्व धरोहर केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से एक किमी दायरे में उनकी ओर से काटे गए कितने भूखण्ड हैं जो विभागीय कार्यशैली पर सवालिया निशान है। दरअसल, इस योजना की शुरुआत करीब डेढ़ दशक पूर्व की गई थी।इसके लिए केंद्र सरकार के लिए ले आउट प्लान भी भेजा गया। इस योजना के तहत 346.86 हेक्टेयर में कॉलोनी काटी गई थी। वहीं इसका 13.40 हेक्टेयर क्षेत्र इको सेंसिटिव जोन में था। इसके लिए जब पर्यावरण विभाग से मंजूरी नहीं मिली थी।वहीं जून माह में सुप्रीम कोर्ट ने विश्व धरोहरों के एक किमी के दायरे में निर्माण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। मगर जब यूआइटी से एक किमी के दायरे में आने वाले भूखण्डों की जानकारी लेनी चाही तो खुद विभाग भी इससे अनजान था कि कितने भूखण्ड कोर्ट आदेश के दायरे में आ रहे हैं।

यहां न निर्माण होगा न मिलेंगे पट्टे
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक किमी के दायरे में आने वालेभूखण्डों पर न तो कोई निर्माण कार्य कराया जा सकता है और न ही यूआइटी उनके पट्टे जारी करेगी। अब देखना यह है कि आखिर यहां भूखण्ड लेने वाले लोगों की इस समस्या का समाधान क्या होता हैï

सिटी के बाहर दो लाख की आबादी बसाने का है प्लान
आगरा-बिकानेर राजमार्ग पर नगर सुधार न्यास की ओर से बहुप्रतिक्षित आवासीय योजना सेक्टर-13 को भरतपुर का उप नगर माना जा रहा है। इसमें करीब दो लाख की आबादी को बसाने का प्लान किया गया है। यहां मिनी सचिवालय, कॉलेज, अस्पताल, स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स, मार्केट, सामुदायिक भवन, दो स्कूल, आठ पार्क सहित तमाम सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। वहीं भूखंडों की रिजर्व प्राइज 9 हजार रुपए वर्ग मीटर रखी गई थी। इसकी प्लानिंग 21 सितंबर 2005 को हुई थी, लेकिन 18 अगस्त 2007 को इसकी अधिसूचना जारी की गई। जबकि 1 सितंबर 2011 को सरकार से स्वीकृति मिली। इसके बाद 3 सितंबर 2014 को 2200 बीघा भूमि पर कब्जा लिया गया। इसे लेकर तमाम तरह के भू-स्वामियों से विवाद चलते रहे। इस कारण 19 नवंबर 2017 को वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से मंजूरी मिल सकी। योजना के तहत अभी तक चार करोड़ रुपए की लागत से अप्रोच रोड बनाई जा चुकी हैं। इसमें मलाह मोड से सेवर रोड तक का दांया क्षेत्र, सेवर रोड से हीरादास और काली की बगीची तिराहे तक का अंदरूनी हिस्सा शामिल है।
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