यहां न निर्माण होगा न मिलेंगे पट्टे
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक किमी के दायरे में आने वालेभूखण्डों पर न तो कोई निर्माण कार्य कराया जा सकता है और न ही यूआइटी उनके पट्टे जारी करेगी। अब देखना यह है कि आखिर यहां भूखण्ड लेने वाले लोगों की इस समस्या का समाधान क्या होता हैï
सिटी के बाहर दो लाख की आबादी बसाने का है प्लान
आगरा-बिकानेर राजमार्ग पर नगर सुधार न्यास की ओर से बहुप्रतिक्षित आवासीय योजना सेक्टर-13 को भरतपुर का उप नगर माना जा रहा है। इसमें करीब दो लाख की आबादी को बसाने का प्लान किया गया है। यहां मिनी सचिवालय, कॉलेज, अस्पताल, स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स, मार्केट, सामुदायिक भवन, दो स्कूल, आठ पार्क सहित तमाम सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। वहीं भूखंडों की रिजर्व प्राइज 9 हजार रुपए वर्ग मीटर रखी गई थी। इसकी प्लानिंग 21 सितंबर 2005 को हुई थी, लेकिन 18 अगस्त 2007 को इसकी अधिसूचना जारी की गई। जबकि 1 सितंबर 2011 को सरकार से स्वीकृति मिली। इसके बाद 3 सितंबर 2014 को 2200 बीघा भूमि पर कब्जा लिया गया। इसे लेकर तमाम तरह के भू-स्वामियों से विवाद चलते रहे। इस कारण 19 नवंबर 2017 को वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से मंजूरी मिल सकी। योजना के तहत अभी तक चार करोड़ रुपए की लागत से अप्रोच रोड बनाई जा चुकी हैं। इसमें मलाह मोड से सेवर रोड तक का दांया क्षेत्र, सेवर रोड से हीरादास और काली की बगीची तिराहे तक का अंदरूनी हिस्सा शामिल है।