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भरतपुर

फिर तीमारदारों के सहारे मरीज

-नहीं मिल रहे ट्रॉली पुलर

भरतपुरJun 15, 2021 / 03:24 pm

Meghshyam Parashar

फिर तीमारदारों के सहारे मरीज

फिर तीमारदारों के सहारे मरीज

भरतपुर. आरबीएम अस्पताल में मरीजों को ट्रॉली पुलरों की कमी फिर से अखरने लगी है। आलम यह है कि मरीज फिर से तीमारदारों के सहारे नजर आ रहे हैं। आरबीएम में अब तीमारदार अपने परिजनों के स्ट्रेचर और व्हील चेयर खुद ही खींच रहे हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से इसके लिए बेहतर व्यवस्था नहीं की जा रही है।
पहले मरीजों को नई बिल्डिंग के गेट के बाहर ही स्ट्रेचर एवं व्हील चेयर मिल जाती थीं, लेकिन अब चलने-फिरने में लाचार मरीजों के परिजनों को पहले अस्पताल में स्ट्रेचर और व्हील खोजनी पड़ रही हैं। इसके बाद कमरा नंबर 53 में अपनी आईडी जमाकर स्ट्रेचर लाना पड़ रहा है। इसके बाद मरीज को गंतव्य तक पहुंचाकर सामान को जमा कराकर अपना आईडी लेना पड़ रहा है। इससे मरीजों के परिजनों का समय भी खराब हो रहा है। साथ ही परेशानी भी बढ़ रही है। आरबीएम में ट्रॉली पुलरों की घटती संख्या ने मरीज एवं उनके परिजनों की परेशानी में खासा इजाफा किया है।
वृद्ध-असहाय मरीज हो रहे परेशान

आरबीएम अस्पताल आने वाले वृद्ध एवं चलने-फिरने में असमर्थ मरीजों को इस बिगड़ी व्यवस्था से काफी परेशानी हो रही है। कई बार दर्द से कराहते मरीजों को समय पर स्ट्रेचर नहीं मिल पाता। परिजन इधर-उधर दौड़कर स्ट्रेचर आदि की व्यवस्था करते हैं। इसमें उनका काफी समय जाया होता है। इसके बाद भी मरीजों के परिजनों को खुद ही स्ट्रेचर या व्हील चेयर खींचनी पड़ती है। इससे मरीज और तीमारदार दोनों ही खासे परेशान हो रहे हैं।

इनका कहना है

ऐसी समस्या फिलहाल नहीं है। हो सकता है कि ट्रॉली पुलर किसी दूसरे मरीज को लेकर गए हों। मरीज यदि इमरजेंसी में आकर पूछते हैं तो उन्हें ट्रॉली पुलर उपलब्ध कराए जाते हैं।
– डॉ. जिज्ञासा शाहनी, अध्ीाक्षक एवं प्रमुख चिकित्सा अधिकारी आरबीएम भरतपुर

इस समय ट्रॉली पुलरों की कमी नहीं है। यदि ऐसा है तो जानकारी कर कार्रवाई की जाएगी। कई बार यूनिफॉर्म नहीं होने के कारण ट्रॉली पुलर पहचान में नहीं आते हैं।
– डालचंद, नर्सिंग अधीक्षक आरबीएम भरतपुर

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