सियासी मायने: अब कांग्रेस के बोर्ड को मिलेगी मजबूती अब नगर निगम में मनोनीत पार्षद 12 हो चुके हैं। इस बार नगर निगम के बोर्ड में भाजपा के 22, निर्दलीय 22, बसपा के तीन व कांग्रेस के 18 पार्षद हैं। इनमें कांग्रेस के मेयर व डिप्टी मेयर भी शामिल है। अगर कांग्रेस की बात करें तो अब कांग्रेस के बेड़े में मनोनीत पार्षदों को मिलाकर कुल 30 पार्षद हो चुके हैं। जबकि नगर निगम चुनाव में भाजपा के पार्षदों के गुट में कांग्रेस ने सेंध लगाई थी। इस तरह अब कांग्रेस के बोर्ड को मजबूती मिल सकती है। दूसरा कारण यह भी है कि फिलहाल भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति को लेकर खुद के पार्षदों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इससे कांग्रेस के बोर्ड को विरोध से भी काफी हद तक राहत मिल सकती है।
नियुक्तियों को लेकर शुरू हुआ सिफारिशों का दौर नगर निगम में छह मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति के साथ ही अब अन्य राजनैतिक नियुक्तियों को लेकर सिफारिश का दौर भी शुरू हो गया है। नियुक्तियों को लेकर सरकार पर संगठन का काफी दबाव था। प्रदेश में हजारों की संख्या में राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं। इनमें कई बोर्ड और आयोगों की महत्वपूर्ण नियुक्तियां भी शामिल हैं। इनमें भरतपुर यूआईटी अध्यक्ष, बीसूका उपाध्यक्ष, वक्फ बोर्ड अध्यक्ष का पद प्रमुख है। इधर, नियुक्तियों की बाट जोह रहे कुछ अन्य नेताओं ने भी अब सत्ता और संगठन से सिफारिश कराना शुरू कर दिया है।