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भरतपुर

पिता का सपना करने मन में ठानी, मुफलिसी के हालात में भी पाया मुकाम

-खेल सामग्री प्राप्त होने पर रिया ने जीता स्वर्ण पदक

भरतपुरSep 26, 2020 / 02:22 pm

Meghshyam Parashar

पिता का सपना करने मन में ठानी, मुफलिसी के हालात में भी पाया मुकाम

पिता का सपना करने मन में ठानी, मुफलिसी के हालात में भी पाया मुकाम

भरतपुर. पिता का सपना पूरा करने के लिए रिया ने इस कदर मेहनत व तैयारी की कि एक दिन उसने वह मुकाम पा ही लिया। मुफलिसी के हालात में परिवार के साथ मददगारों ने भी साथ निभाया। अब सॉफ्टबॉल खिलाड़ी रिया चतुर्वेदी ने कुछ बड़ा करने का इरादा लेकर तैयारी में जुटी हुई है।
भरतपुर शहर में रहने वाली रिया चतुर्वेदी के मन में सॉफ्टबॉल खेल में कुछ कर दिखाने की तमन्ना थी, लेकिन पर्याप्त खेल संसाधन मुहैया नहीं होने की वजह से वह अपनी प्रतिभा का परिचय नहीं दे पा रही थी। यद्यपि उसके पिता हरीश चतुर्वेदी शारीरिक शिक्षक थे लेकिन सॉफ्टबॉल खेल के लिए खेल उपकरण काफी महंगे होने की वजह से वह खरीद नहीं पा रहे थे। फिर भी रिया को जहां कहीं भी संसाधन मुहैया होते वह सॉफ्टबॉल का अभ्यास करती रहती। धीरे-धीरे उसने इस खेल में अपनी महारथ हासिल कर ली थी और उसका जिलास्तरीय प्रतियोगिता में तो चयन हो गया, किन्तु वह राज्य व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी में जुटी रही। रिया चतुर्वेदी ने कक्षा पांच से ही सॉफ्टबॉल की तैयारी शुरू कर दी थी। जब वह कक्षा 10 में पहुंची तो उसे पता चला कि लुपिन फाउंडेशन प्रतिभावान खिलाडिय़ों के लिए खेल सामग्री मुहैया कराती है जिस पर संस्था ने खिलाडिय़ों को सॉफ्टबॉल की तैयारी के लिए करीब 67 हजार रुपए के मूल्य के सॉफ्टबॉल के उपकरण मुहैया करा दिए। परिवार ने भी अलग से व्यय किया। इन उपकरणों को प्राप्त करने के बाद रिया रात-दिन सॉफ्टबॉल के अभ्यास में जुट गई। रिया को उसके पिता हरीश चतुर्वेदी प्रोत्साहित करते रहे।
खेल उपकरण मिलते ही जीता राष्ट्रीय स्तर का अवार्ड

रिया की ओर से कड़े अभ्यास के कारण उन्हें तीन बार राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का मौका मिला। इससे उनको प्रोत्साहन मिलता चला गया और वह लगातार कड़ा अभ्यास करती रहीं। इसमें विद्यालय के अध्यापक-अध्यापिकाओं का भी विशेष सहयोग रहा। रिया की मेहनत उस समय रंग लाई जब उसने छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव में हुई 63वीं स्कूली प्रतियोगिता में सॉफ्टबॉल खेल में भाग लिया, जहां उसे गोल्ड मैडल मिला। गोल्ड मैडल मिलने के बाद उसका विद्यालय एवं विभिन्न खेल संगठनों की ओर से भरतपुर पहुंचने पर सम्मान किया। रिया का सपना है कि वह सॉफ्टबॉल में कीर्तिमान स्थापित करें। इस दृष्टि से वह निरन्तर सॉफ्टबॉल की तैयारी में जुटी हुई है।
अब ओलंपिक में खेलने का देखा सपना

रिया को प्राप्त हुए खेल उपकरणों एवं माता-पिता व एक संस्था की ओर से मिले प्रोत्साहन से वह निरन्तर सॉफ्टबॉल के क्षेत्र में आगे बढ़ती जा रही है और उसका सपना है कि वह राष्ट्रीय स्तर के बाद ओलम्पिक में खेले, इसके लिए वह कड़े अभ्यास में जुटी हुई है। लुपिन की ओर से उपलब्ध कराए गए खेल उपकरणों से रिया के अलावा अन्य खिलाडिय़ों को भी सॉफ्टबॉल की तैयारी का अवसर प्राप्त हुआ है इसमें प्रमुख रूप से गुरू हरिकिशन विद्यालय के छात्र मनीष सिंह है जिन्होंने भी इस खेल में नेशनल अवार्ड प्राप्त किया है। मनीष सिंह के अलावा भरतपुर शहर के करीब एक दर्जन स्कूलों के विद्यार्थी सॉफ्टबॉल की तैयारी में जुटे हैं।
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