भरतपुर

अनुसंधान अधिकारियों की कमी होगी दूर, कांस्टेबल कर सकेंगे अनुसंधान

प्रदेश के पुलिस महकमे में अनुसंधान अधिकारियों की कमी अब जल्द दूर होगी।

भरतपुरFeb 19, 2020 / 11:35 pm

rohit sharma

अनुसंधान अधिकारियों की कमी होगी दूर, कांस्टेबल कर सकेंगे अनुसंधान

भरतपुर. प्रदेश के पुलिस महकमे में अनुसंधान अधिकारियों की कमी अब जल्द दूर होगी। राज्य सरकार की ओर से कांस्टेबलों को अनुसंधान करने के बनाए दिए अधिकार के तहत बुधवार को यहां रिजर्व पुलिस लाइन में प्रथम चरण के चयनित कांस्टेबलों के प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। प्रशिक्षण को रेंज पुलिस उपमहानिरीक्षक लक्ष्मण गौड़ ने संबोधित करते हुए अनुसंधान के लिए चयनित कांस्टेबलों को बारीकी से कामकाज सीखने और बेहतर कार्य करने का आह्वान किया। इस मौके पर जिला पुलिस अधीक्षक हैदरअली जैदी भी मौजूद थे।

प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) डॉ.मूलसिंह राणा ने बताया कि जिले में कुल 242 कांस्टेबलों का अनुसंधान अधिकारी के रूप में चयन किया गया है। इसमें तीन शर्तें पूर्ण करने वाले ही कांस्टेबलों को लिया गया है। पहली कांस्टेबल की सर्विस 9 साल हो चुकी हो, वह स्नातक हो और नौ साल में से 5 साल उसने पुलिस थाने पर कार्य किया हो। इस दायरे में कुल 242 कांस्टेबल चयनित हुए जिसमें प्रथम बैच में बुधवार को 80 कांस्टेबलों का प्रशिक्षण शुरू हुआ। यह प्रशिक्षण चार सप्ताह का रहेगा।

13 हजार से अधिक दर्ज होते हैं मुकदमे

जिले में अनुंसधान अधिकारियों की लम्बे समय से कमी बनी हुई है। करीब आधे पद रिक्त चल रहे हैं। इसमें हैड कांस्टेबल व एएसआई के पद सर्वाधिक रिक्त है। जिले में प्रतिवर्ष करीब 13 से अधिक मुकदमों का रजिस्ट्रेशन होता है। अनुसंधान अधिकारियों की कमी के चलते मुकदमों की समय से जांच नहीं हो पाती है और पैडेंसी बनी रहती है।

ये देंगे प्रशिक्षण

कांस्टेबलों को केस संबंधी प्रशिक्षण दो जयपुर से प्रशिक्षित उपनिरीक्षक और तीन पुलिस निरीक्षक देंगे। पुलिस निरीक्षकों में रामकेश, नेकीराम व दौलत सिंह शामिल हैं। यह प्रशिक्षण एक माह का रहेगा। जो नियमित रूप से पुलिस लाइन में चलेगा।
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