सोमवार को को-ऑपरेटिव बैंक का निरीक्षण करने पहुंचे बीएसओ गोपाल गुर्जर ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन ने बैंक नेा मृतक व्यक्तियों को भी ऋण देकर राज्य सरकार की ओर से माफ करवा लिया। लेकिन, मृतक के नाम से लिया गया ऋण कहां गया।
माढ़ापुरा निवासी सोहनसिंह पुत्र प्रभू की मृत्यू २०१७ में हो गई। लेकिन, मिलीभगत से मृतक को सन २०१८ में ऋण दे दिया गया। ऐसे ही मामले निभेरा, रुदावल, फतेहपुर, पिचूना व चैकोरा में भी मिले हैं। इसको लेकर शिकायत आई है।
वहीं निरीक्षण में बैंक में कैश का कार्य देख रहे दो कर्मिकों के पास विभाग की ओर से कार्य किए जाने का कोई भी आदेश नहीं था। उसके बावजूद दोनों कार्मिक कैश का कार्य कर रहे थे। वहीं बैंक में संविदा पर लगाया गया एक कार्मिक ही मौजूद था।
बैंक मैनेजर हेमंत कुमार को भी फोन पर सूचना देकर बुलाया गया। साथ ही आरोप लगाया कि बैंक में उपभोक्ता के स्थान पर सचिव ही उपभोक्ताओं का पैसा ले जाकर उनके घर भिजवाते है। जबकि नियमानुसार कोई भी बैंक बिना उपभोक्ता के आए पैसा नहीं देती है।
रूपवास में बीएसओ गोपाल गुर्जर का कहना है कि मामले की जांच की गई है। इसमें कई कमियां पाई गई हैं। रिपोर्ट से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
रूपवास में बीएसओ गोपाल गुर्जर का कहना है कि मामले की जांच की गई है। इसमें कई कमियां पाई गई हैं। रिपोर्ट से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।