गौरतलब है कि विभाग में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की ओर से विभिन्न योजनाएं संचालित हैं। इसके तहत भवन निर्माण कार्य करने वाले विभाग से पंजीकृत श्रमिकों को योजनाओं का लाभ दिया जाता है। लाभ के उद्देश्य से विभाग में 36 हजार 63 श्रमिकों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। इनमें से विभाग ने लगभग 07 हजार 541 आवेदन स्वीकृत किए।
वहीं 04 हजार 854 आवेदन निरस्त कर दिए और 14 हजार 56 आवेदन कमियां की पूर्ति के लिए श्रमिकों के स्तर पर लंबित हैं। इन्होंने बताई गई कमियों की पूर्ति अब तक नहीं की है। शेष करीब 10 हजार 180 आवेदन विभागीय स्तर पर लंबित हैं। यहां श्रम निरीक्षकों के सात पद स्वीकृत हैं, लेकिन पदस्थापित एक श्रम निरीक्षक है। इसलिए आवेदनों का अंबार लगा है। हालांकि विभागीय अधिकारी ने पद भरने के लिए कई बार पत्र लिखें हैं लेकिन समाधान नहीं हो सका।
विभाग से लगभग 86 हजार श्रमिक पंजीकृत हैं। इनके हित लाभ की औजार सहायता, श्रमिक भविष्य सुरक्षा, कौशल विकास, शुलभ्य आवास, प्रसूति सहायता, शुभशक्ति, सिलिकोसिस पीडि़त सहायता, दुर्घटना में घायल व मृत्यु आदि योजनाओं का लाभ दिया जाता है। लेकिन, निरीक्षक के अभाव में लगे आवेदनों के अंबार का निपटारा धीरे-धीरे किया जा रहा है।
श्रमविभाग भरतपुर में संभागीय संयुक्त श्रमायुक्त ओपी सहारण का कहना है कि विभाग में श्रमनिरीक्षकों के अभाव में कार्य को गति नहीं मिल पा रही। इसलिए आवेदन लंबित हैं। कई बार उच्चाधिकारियों को यहां पर पद भरने के लिए पत्र लिखा है। पूरी तरह से आवेदनों का निपटारा तभी होगा जब पद भर जाएंगे।