-राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग बोले: अन्य जिलों की कृषि उपज मंडियों में भी स्थापित करने पर किया जाएगा विचार
भरतपुर में प्रदेश की पहली प्रयोगशाला स्थापित, तेल की जांच में आएगी पारदर्शिता
भरतपुर. तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि भरतपुर की कृषि उपज मंडी परिसर में नवीन तकनीक के आधार पर स्थापित की गई प्रयोगशाला से सरसों में तेल की मात्रा की जांच में पारदर्शिता आएगी और इसका लाभ किसानों, व्यापारियों एवं तेल मिल इकाइयों को मिलेगा। साथ ही बजट में भरतपुर के लिए दी गई सौगातों को धरातल पर लाने का प्रयास किया जाएगा। डॉ. गर्ग मंगलवार को भरतपुर कृषि उपज मंडी में सरसों में तेल की जांच के लिए स्थापित की गई एनआइआर प्रयोगशाला के शुभारंभ के बाद आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला में पारदर्शिता एवं विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सभी उपाय सुनिश्चित किए गए हैं, इससे तेल की मात्रा का सही पता चल सके। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भरतपुर कृषि उपज मंडी में इस तरह की पहली प्रयोगशाला स्थापित की गई है, प्रयास किया जाएगा कि राज्य की अन्य कृषि उपज मंडियों में भरतपुर की तर्ज पर ही प्रयोगशालाएं स्थापित हों। तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री ने भरतपुर के विकास के लिए राज्य विधानसभा में दी गई सौगातों की चर्चा करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद पिछले 50 वर्षों के दौरान इस तरह की सौगातें पहली बार मिली हैं। इनमें आरबीएम चिकित्सालय में 250 बैड के नए भवन के लिए 87 करोड़ रुपए का प्रावधान, चार सुपर स्पेशिलिटी सेवाएं शुरू करने, ट्रोमा सेंटर खोलने के अलावा तीन कॉलेज व पब्लिक हैल्थ महाविद्यालय शुरू करना शामिल है। इसके साथ ही केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में चम्बल का पानी लाने के लिए 570 करोड़ की परियोजना की डीपीआर बनाने और भरतपुर शहर में जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए 200 करोड़ रुपए स्वीकृत करना शामिल है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा भरतपुर शहर में 30 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण कराने की घोषणा भी की गई है। भरतपुर की प्रदूषित सीएफसीडी को पक्का कराया जाएगा और उसके ऊपर सड़क का निर्माण कराया जाएगा। इससे आवागमन अधिक सुलभ हो सके। इन सभी कार्यों को धरातल पर लाने का कार्य शीघ्र शुरू कराया जाएगा। डॉ. गर्ग ने ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट की चर्चा करते हुए कहा कि भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना में शामिल नहीं किया है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस परियोजना को शुरू करने के लिए 320 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों एवं व्यापारियों को सुविधा प्रदान करने के लिए मंडी एवं अन्य टैक्सों में कमी की है। प्रारम्भ में मंडी समिति के प्रशासक एवं अतिरिक्त कलक्टर (शहर) केके गोयल ने प्रयोगशाला के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जिला कलक्टर नथमल डिडेल, नगर निगम के मेयर अभिजीत कुमार, सरसों मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण कुमार अग्रवाल, दामोदार लाल गर्ग, रामनाथ बंसल, आशु गर्ग, संतोष फौजदार, सतीश सोगरवाल, मोहन सिंह, रमेश सिनसिनवार आदि उपस्थित थे। तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री गर्ग ने कृषि उपज मंडी की ओर से संचालित राजीव गांधी कृषक साथी योजना के तहत कृषि कार्य करते समय चार मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि के चेक एवं एक व्यक्ति को कृषि कार्य करते समय हाथ की अंगुली कट जाने पर पांच हजार रुपए का चेक प्रदान किया। इसके अलावा मंडी समिति की ओर से संचालित महात्मा ज्योतिबा फुले मण्डी श्रमिक कल्याण योजना के तहत पल्लेदारों को उनकी पुत्री के विवाह पर सात पल्लेदारों को प्रमाण पत्र एवं प्रत्येक को 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि के चेक प्रदान किए।
लैब की जांच से ही तय होती है सरसों की रेट जानकारों ने बताया कि नई टेक्नोलॉजी के साथ बार कोड, सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में सरसों के नमूने की जांच होगी। चूंकि भुगतान उसी रिपोर्ट के आधार पर मिलता है। इसलिए पूरा कार्य पारदर्शिता कराना होता है। प्रदेश में भरतपुर में ही ऐसी व्यवस्था की गई है। ताकि कास्तकार बाहर खड़े होकर भी खुद के नमूने के बारे में जानकारी कर सके।