प्रो. अरविंद वर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार ऐसे कानून ला रही है जिनसे समाज के विभिन्न वर्गों में विभेद पैदा हो रहा है। वर्मा ने कहा केंद्र सरकार को पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर अध्यादेश लाना चाहिए। हाजी असलम ने कहा कि हिन्दू-मुस्लिम एकता देश की प्राण वायु है। रामवीर जाटोलिया ने कहा कि देश की युवा शक्ति धार्मिक और जातिगत विभेद को भुला कर सिर्फ रोजगार चाहती है परन्तु केंद्र सरकार व्यर्थ के मुद्दों में देश को उलझाए रखना चाहती है। साहिब सिंह अहेरिया ने कहा कि केंद्र सरकार अपनी कूटनीतिक नीतियों के तहत एक और साजिश कर चुकी है। मार्च के अंत में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया, इसमें सीएए को भारतीय नागरिकता कानून की आत्मा के विरुद्ध बताया साथ ही संविधान के अनुच्छेद 14 एवं धर्मनिरपेक्षता के भी विपरीत बताया। साथ ही प्रो. अरविंद वर्मा के निलंबन को भी निरस्त करने की मांग इस ज्ञापन के माध्यम से की गई है। मार्च में दीपक कुमार, बृजेन्द्र सिंहए, गौरी अध्यक्ष मुस्लिम विकास सोसायटी, मनुदेव सिनसिनी अध्यक्ष युवा राष्ट्रीय लोक दल, हाजी वसीर, मास्टर कलुआ खान, आसिफ कुरैशी, नईम कुरैशी, बच्चू सिंह, कुलदीप सिंह, सुरेन्द्र सिंह, सागर अंशोलियए आदि शामिल हुए।