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देखिए मंत्रीजी…ट्रॉली पुलरों की छुट्टी, मुश्किल में मरीज

locationभरतपुरPublished: Jun 18, 2021 03:25:36 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-आरबीएम में अब तीमारदार खींच रहे स्ट्रेचर, माननीय के क्षेत्र वाले अस्पताल के पास नहीं पैसा

देखिए मंत्रीजी...ट्रॉली पुलरों की छुट्टी, मुश्किल में मरीज

देखिए मंत्रीजी…ट्रॉली पुलरों की छुट्टी, मुश्किल में मरीज

भरतपुर. चिकित्सा राज्यमंत्री के इलाके वाले आरबीएम अस्पताल की व्यवस्थाएं एक बार फिर बेपटरी नजर आ रही हैं। पहले से ही ट्रॉली पुलरों की कमी झेल रहे आरबीएम अस्पताल से अब 46 ट्रॉली पुलरों की छुट्टी होने से तीमारदार और मरीज मुश्किल में आ गए हैं। ‘माननीयÓ के क्षेत्र वाले इस अस्पताल में अब तीमारदार खुद ही स्ट्रेचर एवं व्हील चेयर खींच रहे हैं। खास बात यह है कि ट्रॉली पुलरों की छुट्टी पैसे के अभाव में हुई है। अब सवाल यह है कि इस बिगड़ी व्यवस्था को सुधारने के लिए भले ही स्थानीय प्रशासन की मजबूरी को समझते हुए चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग को ही कदम उठाने चाहिए।
आरबीएम पहुंचने वाले लाचार मरीजों को स्ट्रेचर की महती आवश्यकता होती है। पहले कुछ समय के लिए आरबीएम के मुख्य दरवाजे पर ही स्ट्रेचर रखे गए। साथ ही ट्रॉली पुलरों को मरीजों की मदद के लिए पाबंद किया गया। यह व्यवस्था कुछ दिन तक तो ढर्रे पर रही। इसके बाद फिर से वही हालात हो गए। अस्पताल प्रशासन की ओर से ध्यान नहीं देने के कारण मरीजों के परिजन उन्हें कभी कंधे पर तो कभी खुद स्ट्रेचर खींचकर चिकित्सक के पास तक ले जाने लगे, लेकिन अब अस्पताल से ट्रॉली पुलरों को हटा दिया गया है। ऐसे में मरीजों को राहत मिलने की बजाय उनकी आफत बढ़ गई है। अब परिजन मरीज को बाहर वाहन में छो्रड़कर पहले स्ट्रेचर की व्यवस्था करते हैं। इसके बाद आईडी जमा कराकर खुद ही स्ट्रेचर खींचकर मरीज को अंदर लाते हैं। मरीज को दिखाने के बाद वह खुद ही स्ट्रेचर को संबंधित स्थान पर जमा कराकर आ रहे हैं। इस व्यवस्था ने मरीजों के लिए कोढ़ में खाज की स्थिति पैदा कर दी है, लेकिन इसे देखने वाला कोई नजर नहीं आ रहा।
46 ट्रॉली पुलरों को भेजा घर

कोविड-19 के लिए करीब 50 ट्रॉली पुलर मरीजों की सहूलियत के लिए मांगे गए थे। इनमें से अस्पताल प्रशासन को 46 ट्रॉली पुलर ही मिले थे। बुधवार को अस्पताल से इनकी छुट्टी कर दी गई। इन्हें हटाने के पीछे की वजह बजट नहीं होना बताया गया है।
उधार की राशि से कर रहे भुगतान

आरबीएम अस्पताल की आमदनी फिलहाल शून्य नजर आ रही है। वहीं खर्चा रुपैया जैसी स्थिति बन गई है। कोरोना काल में लगाए गए कार्मिकों का काफी पैसा अस्पताल प्रशासन पर चढ़ गया। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने इधर-उधर चि_ी लिखी। इसके बाद जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता की ओर से अस्पताल को 30 लाख रुपए की राशि उधार दी गई। इस उधार की राशि से ऐसे कार्मिकों का भुगतान किया जा रहा है। जिला कलक्टर की ओर से मिली राशि से जून तक का हिसाब किया जा रहा है। खास बात यह है कि अस्पताल प्रशासन को यह राशि बाद में चुकानी होगी। अब अस्पताल प्रशासन ने आमदनी नहीं होने के कारण ऐसे कार्मिकों को घर का रास्ता दिखा दिया है।
रुकी लिफ्ट, बढ़ी परेशान

आरबीएम अस्पताल की बड़ी लिफ्ट गुरुवार को अचानक रुक गई। ऐसे में लाचार मरीज एवं दिव्यांगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। मरीजों के परिजनों ने बताया कि दोपहर के समय बड़ी लिफ्ट अचानक रुक गई। इस दौरान कुछ मरीज ऐसे थे, जो सीढिय़ों से चलकर ऊपर नहीं पहुंच सकते थे। ऐसे में वह लिफ्ट चालू होने का इंतजार करते रहे। इस संबंध में मरीजों एवं उनके परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से शिकायत भी की, लेकिन देर तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी।
इनका कहना है

बजट के अभाव में ट्रॉली पुलरों को हटाया है। कलक्टर साहब की ओर से लोन पर 30 लाख रुपए मिले हैं। इस राशि से कार्मिकों का जून माह तक का भुगतान किया जा रहा है। इस संबंध में राज्य सरकार को चिट्ठी भी लिख दी है। बजट की मांग पहले भी की जा चुकी है।
– डॉ. जिज्ञासा शाहनी, अधीक्षक एवं प्रमुख चिकित्सा अधिकारी आरबीएम भरतपुर

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