गांव बसई के स्कूल में स्थानीय विद्यार्थियों के अलावा पास के गांव खोहरी एवं तिघर्रा के बच्चे भी पढऩे आते हैं। इस विद्यालय को गत वर्ष उच्च प्राथमिक से माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत तो करा दिया गया,लेकिन शिक्षकों की कमी के अलावा अन्य मूलभूत समस्याएं आज भी बनी हुई हैं।
इतने पद रिक्त
गांव बसई के विद्यालय में प्रधानाध्यापक के अलावा द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के छह पद सृजित हैं। वहीं लेवल द्वितीय व प्रथम के दो-दो पद है। कनिष्ठ लिपिक, शारीरिक शिक्षक एवं चतुर्थश्रेणी कर्मचारी के एक-एक पद सृजित है। विद्यालय में 14 पदों में से छह पद रिक्त चल रहे है, जिनमें प्रधानाध्यापक का पद, गणित, अंग्रेजी के द्वितीय श्रेणी शिक्षक एवं लेबल द्वितीय के दोनों पदों के अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद भी रिक्त है। विद्यालय में इस सत्र से कक्षा दसवीं भी शुरू हो गई है और विद्यालय में शिक्षकों के पदों को भरा नहीं जा सका है।
पूर्व विधायक ने की थी आरओ की घोषणा
विधायक का गांव का विद्यालय होने के बाद भी विद्यालय में मीठे पानी की व्यवस्था नहीं है। विद्यालय में एक हैण्डपम्प लगा हुआ है लेकिन पानी खारा होने के कारण पानी पीने लायक नहीं है। गांव के पूर्व विधायक बच्चूसिंह बंशीवाल ने अपने कार्यकाल में विद्यालय में मीठे पानी की व्यवस्था के लिए आरओ लगवाने की घोषणा की थी , लेकिन अभी तक आरओ नहीं लग सका है।
मुख्य द्वार पर जलभराव
बसई विद्यालय गांव के बीचोंबीच स्थित है। इस विद्यालय से पूर्व एवं वर्तमान विधायक के आवासों की दूरी मुश्किल से दो सौ मीटर होगी, लेकिन विद्यालय के मुख्य द्वार की हालत बदतर है। बारिश के दिनों में गेट पर पानी भर जाता है, जिससे शिक्षक व बच्चों को आवागमन में परेशानी होती है।
वर्जन
विधानसभा क्षेत्र के विद्यालयों में रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार को लिखा हुआ है। शीघ्र ही पदों को भरवाया जाएगा। गांव के विद्यालय में मीठे पानी के लिए स्वीकृत आरओ को शीघ्र लगवाने के निर्देश दिए हुए हैं। जलभराव एवं कीचड़ की समस्या का निराकरण भी कराया जाएगा।
-अमर सिंह जाटव, विधायक बयाना।