असल में भरतपुर के करीब 15 और धौलपुर के करीब पांच महाविद्यालय ऐसे हैं जिनको अभी तक सत्र 2018-19 की सम्बद्धता जारी नहीं हो पाई है। इसकी मुख्य वजह यह है कि इनमें से कई महाविद्यालय अब तक निरीक्षण नहीं करा पाए हैं। साथ ही कई ने सीट बढ़ाने के लिए आवेदन तो कर दिया लेकिन फिजीकल वेरिफिकेशन न हीं कराया।
विवि प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जिले के तीन महाविद्यालय (राज कॉलेज बयाना, टीपीएस कॉलेज व एलआरएल कॉलेज) के निरीक्षण में तमाम कमियां पाई गई थीं, जिसके चलते विवि कुलसचिव ने इन कॉलेज के पुन:निरीक्षण के आदेश जारी किए हैं, जो कि अभी तक बाकी है।
विश्वविद्यालय से सम्बद्ध भरतपुर व धौलपुर के निजी महाविद्यालयों को हर वर्ष सम्बद्धता लेनी होती है। ऐसे में कई निजी महाविद्यालय संचालक सम्बद्धता लेने में लापरवाही बरतते हैं। यही वजह है कि बीते वर्ष भी करीब डेढ़ दर्जन निजी महाविद्यालयों में अध्ययनरत करीब 1800 विद्यार्थियों का परिणाम अटक गया था। जिसकी वजह से विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय से भरतपुर व धौलपुर के 153 निजी व सरकारी महाविद्यालय सम्बद्ध हैं। इनको विवि से स्थाई व अस्थाई सम्बद्धता लेनी होती है। विवि से सम्बद्ध लेने से पूर्व महाविद्यालय संचालकों को कॉलेज आयुक्तालय जयपुर से एनओसी लेकर आनी होती है। उसके बाद विवि में सम्बद्धता के लिए आवेदन करना होता है। आवेदन के बाद महाविद्यालयों का निरीक्षण किया जाता है। यदि निरीक्षण के दौरान कोई कमी पाई जाती है तो पहले उसे दूर कराया जाता है और उसके बाद सम्बद्धता जारी की जाती है। यह प्रक्रिया यदि समय पर पूरी नहीं हो पाती है तो सम्बद्धता जारी नहीं की जाती और परीक्षा परिणाम रोक दिया जाता है।
सत्र 2019-20 की सम्बद्धता के लिए भरतपुर व धौलपुर के निजी महाविद्यालय आवेदन करने में कम रुचि दिखा रहे हैं। यही वजह है कि बिना विलम्ब शुल्क के 19 फरवरी अंतिम तिथि होने के बावजूद रविवार तक 153 महाविद्यालयों में से सिर्फ 35 महाविद्यालयों ने सम्बद्धता आवेदन किया है।
अब तक करीब 35 कॉलेजों ने आवेदन किए हैं। बिना विलम्ब शुल्क आवेदन की अंतिम तिथि 19 फरवरी 2019 है। बीते सत्र के भी करीब 20 महाविद्यालयों की सम्बद्धता विभिन्न कारणों से जारी नहीं हो पाई है। सम्बद्ध जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। इन महाविद्यालय
– प्रशांत कुमार सिंह, सहायक कुलसचिव, सम्बद्धता प्रभारी, महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर।