नाम के अनुरूप कार्यालय में अब राज्य व राज्य से बाहर की कंपनियों को बुलाकर प्रतिमाह लगने वाले रोजगार शिविर के माध्यम से रोजगार के अवसर दिए जाते हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले वर्ष अप्रेल से सितम्बर तक छह रोजगार शिविर लगाए गए। इनमें 4936 बेरोजगारों ने भाग लिया, जहां 1655 युवाओं को रोजगार के अवसर मिले। अंदाजा लगा सकते हैं कि युवाओं को यह वैकल्पिक प्रक्रिया रास नहीं आ रही। इसलिए मेला में भीड़ तो आती है, मगर मापदंड देखकर इनकी रुचि कम हो जाती है।
इसके चलते कार्यालय परिसर में एलआईसी में अभिकर्ता, उबर इंडिया में बाइकमोटो चालक, ऑनबाइक रेंटल में चालक, स्किल इंडिया में पंजीयन से सरकारी स्तर के शैक्षिक प्रशिक्षणों की जानकारी, टैक्नोक्रेक में इलेक्ट्रिशियनों की भर्ती व बायोटैक में सेल्स एक्जिक्यूटिव की भर्ती के लिए साक्षात्कार लिए गए। जहां, दसवीं, बारहवीं, स्नातक, आईटीआई, बी-टैक व अन्य डिप्लोमाधारियों ने साक्षात्कार दिए। इसमें से 462 आशार्थियों का चयन किया गया।
गौरतलब है कि कार्यालय से जिले के करीब 39216 युवा पंजीकृत हैं। इनमें से लगभग 3828 युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिलता है। मगर, चुवान प्रक्रिया के चलते अक्टूबर में आचार संहिता लगने के बाद से अब तक कुल 01 करोड़ 10 लाख 94 हजार 336 रुपए का भत्ता अटका हुआ है।
रोजगार विभाग के अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी पप्पी राम यादव का कहना है कि बकाया भत्ते का अनुमानित भुगतान करना प्रस्तावित है, जो बजट ना होने से रुका है। रोजगार कार्यालय परिसर में प्रतिमाह रोजगार शिविर लगाया जाता है। इनमें निजी कंपनियां आकर भर्ती के अनुरूप युवाओं के साक्षात्कार लेती हैं। प्राथमिक चयन भी करती हैं। इसमें 462 आशार्थियों का चयन किया गया।