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नाखुशी पड़ी भारी, अंदरुनी विरोध ने डुबो दी नैया

locationभरतपुरPublished: Jan 19, 2022 11:54:52 am

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-कप्तान फिर किनारे, मझधार में मनीष, लक्ष्मण को बूटी- विवादों के बाद अब फिर सीएमएचओ की छुट्टी

नाखुशी पड़ी भारी, अंदरुनी विरोध ने डुबो दी नैया

नाखुशी पड़ी भारी, अंदरुनी विरोध ने डुबो दी नैया

भरतपुर . किस्सा कुर्सी के बीच दंगल बने सीएमएचओ कार्यालय में अब विवाद का पटाक्षेप हुआ है। कप्तान और मनीष के बीच झूल रही कुर्सी फिलहाल दोनों से दूर हो गई है। सोमवार को चिकित्सा विभाग के संयुक्त शासन सचिव ने आदेश जारी कर सीएमएचओ डॉ. मनीष चौधरी को एपीओ कर दिया। वहीं तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. कप्तान सिंह का फिर से तबादला बाड़ी के धौलपुर में कर दिया है। अब फिर से अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ. लक्ष्मण सिंह को ‘बूटीÓ के रूप में सीएमएचओ के कार्य संपादन की जिम्मेदारी दी है। मनीष की छुट्टी का कारण जनप्रतिनिधियों की नाखुशी और ‘अपनोंÓ का विरोध सामने आ रह है। हालांकि विभाग ने टीकाकरण की धीमी गति को वजह माना है।
जिले में अगस्त 2021 से सीएमएचओ की कुर्सी विवादों में है। इसको लेकर सीएमएचओ रहे मनीष चौधरी और डॉ. कप्तान सिंह के बीच विवाद हो चुका है। यह मामला थाने तक जा पहुंचा था। हालांकि इस बार सरकार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई कर दोनों को ही किनारे कर दिया है। सरकार ने 16 जनवरी तक लक्षित 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में उपलब्धि लक्ष्य के विरुद्ध प्रािम डोज मात्र 83.2 प्रतिशत को कम मानते हुए सीएमएचओ को एपीओ किया है, जबकि खास बात यह है कि अन्य जिलों में भी स्थिति बहुत ज्यादा बेहतर नहीं है। इसके बाद भी सरकार ने अन्य जिलों में इतना बड़ा कदम नहीं उठाया है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में डॉ. कप्तान सिंह को भी जनप्रतिनिधियों से उलझने के कारण हटाया गया था।
कम उपलब्धि पर पत्रिका ने प्रशासन को चेताया था

वैक्सीनेशन में पिछड़ते जिले को लेकर पत्रिका ने पूर्व में भी चेताया था। पत्रिका ने 8 दिसंबर के अंक में ‘डरा रही तीसरी लहर की आशंका, फिर भी सुरक्षा कवर अधूराÓ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर में बताया था कि कोरोना की दूसरी लहर की दहशत अभी भी लोगों के दिलो-दिमाग में है। इस बीच तीसरी लहर की आशंका ने लोगों को फिर से डरा रही है, लेकिन तमाम सजगता के दावे करने वाला चिकित्सा विभाग अभी तक लोगों को सुरक्षित करने के लिए सुरक्षा टीका नहीं लगा सका है। प्रदेश के 17 जिलों की बात करें तो इनमें भरतपुर जिला सबसे फिसड्डी है। इसमें बताया कि दूसरी डोज लगाने में भरतपुर निचले पायदान पर है। जिले का टीकाकरण खास तौर से मेवात क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संबंध में दिसंबर माह में जिले के अधिकारियों को लताड़ भी लगाई थी। खबर में बताया था कि अधिकारियों की अरुचि के कारण जिला दूसरी डोज लगाने में पिछड़ गया।
यूं विवादों में बनी रही है सीएमएचओ की कुर्सी

संभागीय आयुक्त की अभिशंसा पर सीएमएचओ रहे डॉ. कप्तान सिंह को 5 अगस्त को निलंबित किया गया। इसके बाद 27 अगस्त को फिर से राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण के आदेश पर कप्तान सिंह ने सीएमएचओ के पद पर ज्वाइन किया। इससे पहले 22 अक्टूबर 2020 को भी साथी चिकित्सक से विवाद से कप्तान को पद छोडऩा पड़ा था। इसके बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा रही कि डॉ. सिंह को दूसरी बार अपना पद कैबीनेट मंत्री भजनलाल जाटव की नाराजगी की वजह से छोडऩा पड़ा था। इसके बाद डॉ. मनीष सिंह ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर ज्वाइन कर लिया। इसके बाद 8 अक्टूबर को डॉ. कप्तान सिंह ने कार्यालय पहुंचकर कुर्सी कब्जा ली। इसके बाद दोनों में विवाद हो गया और मामला थाने तक जा पहुंचा। इस संबंध में डॉॅ. चौधरी ने रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। डॉ. चौधरी ने 26 सितम्बर को ज्वाइन किया था। इसके बाद 17 जनवरी को उन्हें एपीओ कर दिया गया।
15 से 18 आयु वर्ग में जिले की स्थिति
जिला प्रतिशत
जयपुर प्रथम 37.5
गंगानगर 42.2
सिरोही 43.9
जालोर 44.6
जयपुर द्वितीय 47.9
पाली 51.6
भरतपुर 51.8

18 से अधिक आयु वर्ग में भरतपुर की स्थिति
जिला प्रथम डोज प्रतिशत द्वितीय डोज प्रतिशत
जालोर 82.5 73.8
भरतपुर 83.3 77.3
दौसा 84.5 75.5
धौलपुर 85.2 70.5
करौली 85.4 75.5
डंूगरपुर 87.3 71.2
बाड़मेर 87.4 70.0
सिरोही 88.7 84.9
पाली 88.7 74.9
बांसवाड़ा 89.4 75.5
टोंक 89.9 81.6
जैसलमेर 90.9 71.3
83.2 प्रतिशत रहा प्रथम डोज का लक्ष्य 18 आयु वर्ग से अधिक में
94.1 प्रतिशत है राज्य का औसत
49.7 प्रतिशत रहा टीकाकरण रहा 15 से 18 आयु वर्ग का
– 53.1 प्रतिशत राज्य से औसत से रहा कम
13.5 प्रतिशत की प्रगति रही ड्यू प्रथम वैक्सीनेशन में
424 सेम्पल लिए गए 10 लाख की जनसंख्या पर
695 राज्य के औसत से है बेहद कम
इनका कहना है

-जब मैं आया था तो वैक्सीनेशन का प्रतिशत 55 था। टीम के साथ काम किया तो वह 85 प्रतिशत तक पहुंचा दिया। अन्य कुछ जिलों में गिरावट है। हमने पूरी मेहनत के साथ काम किया है। इस तरह करना गलत है। इससे अधिकारी-कर्मचारी हतोत्साहित होते हैं।
डॉ. मनीष चौधरी
तत्कालीन सीएमएचओ

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