हर धर्म की महिलाओं ने अपनाया स्वरोजगार पिछले कुछ समय से देशभर में स्थानीय रोजगार को बढावा देने की बात कही जा रही है, लेकिन यह भी हकीकत है कि भरतपुर जिले में किसी भी धर्म की महिला हो, उन्होंने स्वरोजगार को बहुत अच्छे तरीके से अपनाया है। उदाहरण के तौर पर रूपवास के खानुआ गांव निवासी रेशमा की कहानी भी किसी से छिपी नहीं है। जो कि मुस्लिम होने के बाद तुलसीमाला बनाने का काम कर रही है। उनकी हाथ से बनी महिला कुछ अनूठी होती है।