वहीं टीकाकरण के लिए लक्ष्य भी निर्धारित किया जाता है। इसके लिए जिले में ९.४० लाख गाय-भैंसों को टीका लगाना निर्धारित किया है। क्योंकि, रोग की स्थिति को देखें तो तीन माह से बड़े गाय-भैसों को मौसम बदलते ही मुंह में छाले, पैरों के खुरों में घाव व छाले, गले में दर्द होना शुरू हो जाता है।
ऐसे में दुधारू पशु आहार खाना व दूध देना बंद कर देते हैं। इसकी रोकथाम के लिए यह टीकाकरण किया जाता है। फिलहाल यह अभियान कोरोना संक्रमण में लगे लॉक डाउन की भेंट चढ़ गया है। दूसरी ओर पशुचिकित्सा अधिकारी व पशु सहायकों की भी संक्रमित क्षेत्रों में जाने से मनाही है। इसलिए इस सीजन का अभियान निष्क्रिय हो गया है।