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सांसद बोलीं, प्रशासन ने गठजोड़ के तहत दिए निजी हॉस्पिटल को वेंटीलेटर

locationभरतपुरPublished: May 13, 2021 07:54:03 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

– केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की जांच की मांग

सांसद बोलीं, प्रशासन ने गठजोड़ के तहत दिए निजी हॉस्पिटल को वेंटीलेटर

सांसद बोलीं, प्रशासन ने गठजोड़ के तहत दिए निजी हॉस्पिटल को वेंटीलेटर

भरतपुर . सांसद रंजीता कोली ने बुधवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवद्र्धन से मुलाकात कर केन्द्र सरकार से पीएम केयर फंड से दिए गए वेंटीलेटरों को निजी अस्पतालों को सौंपने के प्रकरण की जांच कराने की मांग रखी। सांसद ने आरोप लगाया कि यह वेंटीलेटर प्रशासन ने गठजोड़ के तहत निजी अस्पताल को उपलब्ध कराए।
सांसद ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के खराब प्रबंधन के कारण बेड व दवाओं आदि की व्यवस्था सही ढंग से नहीं हो पा रही है। केन्द्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए वेंटीलेटरों को निजी अस्पतालों को सौंपा जा रहा है। सांसद ने कहा कि पीएम केयर फंड से 40 वेंटीलेटर भरतपुर को दिए गए। इसमें से पांच वेंटीलेटर 27 अप्रेल को आरबीएम अस्पताल ने जिंदल हॉस्पिटल को बिना किसी नियम के दे दिया। जिंदल अस्पताल द्वारा दोबारा मांग पर 7 मई को फिर 5 वेंटीलेटर जिंदल अस्पताल को दे दिए। इसके बाद 8 मई को प्रशासन ने एक आदेश पारित कर दिया कि निजी अस्पतालों को दिए गए वेंटीलेटर की एवज में 2 हजार किराया लिया जाएगा। सांसद ने आरोप लगाया कि जिंदल हॉस्पिटल ने वेंटीलेटर से गरीब मरीजों से लाखों रुपए वसूल किए हैं। जिला प्रशासन एवं प्रशासन की मिलीभगत से सरकरी संसाधनों का बिना किसी प्रक्रिया के निजी अस्पताल को देना एक गठजोड़ है। ऐसा पूरे राजस्थान में हो रहा है और राज्य सरकार मौन धारण कर इस प्रकरण में अपनी सहमति प्रदान कर रही है। सांसद रंजीता कोली ने पूरे प्रकरण की एक इन्वेस्टीगेशन कमेटी गठित कर जांच कराने की मांग रखी।
जांच को गिनाए आधा दर्जन कारण

– 27 अप्रेल को वेंटीलेटर देना एवं 8 मई को राजस्थान प्रशासन द्वारा आदेश जारी करना संदेहास्पद है। वेंटीलेटर का किराया 2 हजार रुपए तय किया, जबकि जिंदल हॉस्पिटल ने 40 से 50 हजार तक वेंटीलेटर के वसूल कर रहा है। यदि प्रशासन की मंशा साफ होती तो 27 अप्रेल को ही किराये का आदेश पारित किया जाता।
– जिंदल हॉस्पिटल को दिए गए वेंटीलेटरों के जरिए गरीब मरीजों से जो पैसे वसूले गए, उन्हें वापस दिलाया जाए।

– जिला एवं अस्पताल प्रशासन की मिलीभगत से सरकारी संसाधनों का उपयोग बिना किसी प्रक्रिया के निजी अस्पताल को देने पर कार्रवाई की जाए।
– जिंदल हॉस्पिटल हमेशा विवादों में रहा है। इसके खिलाफ कार्रवाई हो, ताकि यह गरीबों को न लूट सके।

– प्रशासन की ओर से वेंटीलेटर देना एक गठजोड़ है। इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
– पूरे राजस्थान में हो रहे इस तरह के प्रकरणों में राज्य सरकार की सहभागिता की जांच की जाए।


सरकारी मिशनरी रसूखदारों की सेवा में जुटी

-पूरी की पूरी सरकारी मशीनरी आज रसूखदारों की सेवा करती हुई नजर आ रही है। कोरोना के कारण आमजन चिकित्सा के अभाव में तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहा है, कहीं ऑक्सीजन की कमी तो कहीं वैक्सीन की कमी, कहीं वेन्टीलेटरों की मारामारी। मंत्री का इस ओर कोई ध्यान नहीं है वे तो केवल अपनी वाहवाही करने, अपनी पीठ थपथपाने के लिए प्रचार में लगे हुए है। नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
गिरधारी तिवारी
पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा
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