थाना प्रभारी ने बताया कि वाहन चोर छोटेलाल ने बताया वह कक्षा 8 वीं तक गांव जगजीवनपुर स्कूल में पढ़ा है। पढ़ाई छोडऩे के बाद उसने मजदूरी की। वर्ष 2005 में दौसा जिले के महवा में उसके भाई की रेडियो, टीवी की दुकान पर जाया करता था। वहां उसकी दोस्ती तीन जनों से हुई जो जयपुर जाकर वाहन चुराकर लाते और उन्हें महवा बेच देते थे। इस पर उसे लालच आ गया और वह उनके साथ जयपुर जाने लगा। एक वाहन चोरी करने पर उसे 15 सौ रुपए मिलते थे। उसने जयपुर, महवा, सिकराया, बांदीकुई, नादौती, अलवर, बयाना आदि कस्बा में वाहन चोरी वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया। वह कई बार गिरफ्तार किया जाकर जेल भेजा जा चुका है।
जयपुर में दर्ज सर्वाधिक मामले
गिरफ्तार वाहन चोर के खिलाफ सर्वाधिक मामले जयपुर में दर्ज हैं। इसमें महेशनगर, गांधीनगर, मालवीयनगर, जवाहर सर्किल थाना, कानोता ग्रामीण जयपुर, सदर जयपुर, बजाजनगर थाने में वाहन चोरी की रिपोर्ट दर्ज हैं। इसके अलावा दौसा के महवा व कोलवा, अलवर जिले के मालाखेड़ा व कठूमर में मुकदमे दर्ज हैं।