ओवैसी व महबूबा मुफ्ती ने भी किया ट्वीट अब एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि कर्मचारियों को आम अपराधियों के रूप में दंडित किया जाना चाहिए, जो मिसाल बन जाए। वे एक मासूम की मौत के जिम्मेदार है। मुस्लिम विरोधी घृणा हर रोज नई ऊंचाइयों तक पहुंचती जा रही है और हमारी जिंदगियां लील रही है। क्या हिंदुत्व का कट्टरपंथ इतना भयंकर हो गया है क्योंकि इसे सरकार का समर्थन प्राप्त है या क्योंकि यह समाज के बड़े वर्ग की ओर से गले लगाया गया है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस प्रकरण को लेकर ट्वीट किया है।
कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने ये कहा… अधिकारियों से पूछना चाहूंगा कि महिला की एंट्री पहले क्यों नहीं की गई। जब मैंने मुद्दा उठाया तो उसे भर्ती किया गया। कार्रवाई दूर रही, डॉक्टर कहते हैं कि होमीग्लोबिन कम था तो दुबारा मैंने बयान दिया तो उसे भर्ती किया गया। शाम को यूआईटी सचिव व विजेंद्र नाम का एएसआई वहां जाकर धमकी देते हैं। इरफान से दुबारा बात की तो उसने दुबारा वीडियो दिया। उसकी भाभी जो कि अनपढ़ है उससे भी बयान लिखवाने की कोशिश की गई। मैं इसको कतई टोलरेट नहीं करूंगा। कमियों को सुधारना चाहिए। कर्तव्य को निभाना चाहिए। कोरोना फैलाने के कारण मैं ही नहीं समझदार मुसलमाल भी जमात के खिलाफ है, लेकिन गर्भवती महिला सिख, मुसलमाल या हिंदु कोई भी हो, उसका इलाज होना ही चाहिए। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, राजीव गांधी, इंद्रा गांधी ने धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाया है। अगर प्रदेश में ऐसा ही रहा तो छवि खराब हो जाएगी। पुलिस हो चाहे प्रशासन..वे सुरक्षित हैं। मैंने पीडि़ता के परिजनों को मेरा नंबर भी दे दिया है। वो मुझे फोन कर सकते हैं। यह बहुत दुखद है। हालांकि गांव-गांव जाकर कोरोना के खिलाफ जंग लडऩे वाले चिकित्साकर्मियों पर भी गर्व है।
सवाल मांगते जवाब 1. पीडि़ता के प्रारंभिक इलाज व रैफर का रिकॉर्ड कहां है?
2. जब गंभीर बताकर रैफर किया गया तो एंबुलेंस क्यों नहीं दी?
3. एंबुलेंस में प्रसव के बाद पीडि़ता 11 बजे वापस पहुंची, फिर एक बजकर 40 मिनट पर भर्ती क्यों दिखाया।
4. पहले हीमोग्लोबिन कम बताया गया था तो बाद में दो यूनिट ब्लड कैसे चढ़ाया।
-खुद पीडि़ता व उसके परिजन बयान दे चुके हैं किसी भी चिकित्साकर्मी ने मुस्लिम जैसे किसी भी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था। उसका जनाना अस्पताल में इलाज भी किया गया है।
नथमल डिडेल
जिला कलक्टर
-प्रकरण की जांच रिपोर्ट जिला कलक्टर को सौंपी जा चुकी है। हमने जिस समय जांच की थी, उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग बनवाई गई थी। जैसा परिजनों ने कहा कि सबकुछ वही लिखा गया है।
उम्मेदीलाल मीणा
सचिव नगर सुधार न्यास