16वें इंटरनेशनल एनर्जी फोरम में निर्णय
बता दें कि 16वें इंटरनेशनल एनर्जी फोरम के मंत्री-स्तरीय राउंड के अवसर पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (CNPC) के चेयरमैन वांग यिलिन तथा अन्य चीनी अधिकारी एक साथ जुटे थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये निर्णय इसी बातचीत के दौरान लिया गया है।
इस दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘उपभोक्ता होने के नाते हमारे कुछ साझा हित हैं। अपनी सार्थक बातचीत में हम कारोबार से कारोबार तक (B2B) साझेदारी बनाने पर सहमत हुए और हमें उम्मीद है कि निकट भविष्य में खरीदार भी कीमतें तय करेंगे।’
चीन ने भी किया समर्थन
बता दें कि प्रधान के एस सुझाव का चीन के राष्ट्रीय ऊर्जा प्रशासन (NEA) के उप प्रशासक ली फैनरोंग ने भी समर्थन किया। वहीं, इस संबंध में आगे कैसे काम किया जाएगा, इसके लिए भारत और चीन की सार्वजनिक कंपनियों के अधिकारी आपस में बातचीत करेंगे।
मणिशंकर अय्यर ने भी दिया था यह प्रस्ताव
आपको बता दें कि प्रधान के सुझाव से पहले साल 2005 में तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर ने यह प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के अंतर्गत भारत-चीन को एक साझा मोर्चा बनाकर मोलभाव करना चाहिए, जिससे वाजिब कीमत पर कच्चा तेल मिल सके। इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया था कि साल 2006 में इसके लिए दोनों देशों के बीच एमओयू होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसके पीछे का कारण द्विपक्षीय बाचतीत की तमाम जटिलताओं को पाया गया था।