अब कोरोना ने तोड़ी 63 साल बाद परंपरा: बिहारीजी मंदिर में दर्शनों पर रोक, शेष बड़े मंदिरों में भी आदेश लागू
-ब्रज विश्वविद्यालय की 31 मार्च तक प्रस्तावित सभी परीक्षाएं स्थगित
-खांसी-जुकाम के एक और मरीज का नमूना भेजा गया है जयपुर
-स्कूल पूरी तरह से बंद रहेंगे और शिक्षक घर पर जरूरी रिकार्ड पूरा करेंगे
-जिले के सभी थाना क्षेत्रों में पुलिस की ओर से कराई जा रही है मुनादी
-संभाग के सभी मंदिर श्रद्धालुओं के रहेंगे बंद, सिर्फ आरती के समय पुजारी व उनके पांच सहयोग रहेंगे मौजूद

भरतपुर. राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए पर्यटक स्थलों, मंदिरों, खेल के मैदानों, संग्रहालयों, ऐतिहासिक स्मारकों, पार्कों आदि में 50 से ज्यादा लोग एकत्रित होने पर पाबंदी लगा दी है। कोरोना से सर्तकर्ता के बीच अब भरतपुर के आराध्य देव बिहारीजी के दर्शन भी 31 मार्च तक श्रद्धालुओं के लिए नहीं होंगे। पं. रामभरोसी भारद्वाज ने दावा किया कि ऐसा पहली बार है कि किसी बीमारी के फैलने की आशंका से मंदिर के पट श्रद्धालुओं के बंद रहेंगे। संभवतया सैकड़ों साल बाद ऐसा पहली बार हो रहा है। हालांकि बताते हैं कि मंदिर की स्थापना के बाद वर्ष 1957 में ठाकुरजी की मूर्ति का झुकाव राधाजी की मूर्ति की ओर हो गया था। उस समय सात दिन के लिए मंदिर के पट बंद रखे गए थे। अब मंदिर में सेवा पूजा यथावत चलेगी। शाम को देवस्थान विभाग के अधिकारी भी मंदिर के पट बंद कराने पहुंचे। अंदर पुजारी ने ही पूजा अर्चना की। इसके अलावा दर्शनों को आए श्रद्धालुओं को बाहर निकाल दिया गया। इस दौरान अधिकारी व पुलिस को कुछ श्रद्धालुओं के विरोध का भी सामना करना पड़ा।
इधर, देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त कृष्ण कुमार खंडेलवाल ने आदेश जारी कर उल्लेख किया है कि भरतपुर संभाग में स्थित देवस्थान विभाग की ओर से प्रबंधित एवं नियंत्रित राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार, राजकीय आत्मनिर्भर तथा राजकीय सुपुर्दगी श्रेणी के सभी मंदिर आरती के समय को छोड़कर अग्रिम आदेश तक बंद रहेंगे। आरती के समय भी केवल पुजारी और उनके सहयोगी अधिकतम पांच व्यक्ति उपस्थित रहकर आरती आदि करेंगे। आमजन के लिए दर्शन 31 मार्च तक बंद रहेंगे। सभी जिलों में भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता के तहत निषेधाज्ञा जारी है। इधर, मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से खांसी-जुकाम के एक और मरीज का नमूना जांच के लिए जयपुर भेजा गया है। अब दो मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है।
पूर्व मंत्री मदनमोहन सिंघल व उनके मित्र उज्बेकिस्तान में फंसे
कामां पूर्व मंत्री मदन मोहन सिंघल अपने शिष्टमंडल के साथ उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में फंसे हुए हैं। उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद से दूरभाष पर पूर्व मंत्री मदन मोहन सिंघल ने बताया कि वह हरियाणा के जिला पलवल निवासी एक 18 सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ कल्चरल स्टडी के लिए 12 मार्च को भारत से रवाना होकर उज्बेकिस्तान पहुंचे थे। शिष्टमंडल आज उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में मौजूद है। 20 मार्च को शिष्टमंडल की रिटर्न टिकट है, लेकिन भारतीय दूतावास की ओर से उन्हें वतन वापसी के लिए नहीं भेजा जा रहा है। पूर्व मंत्री मदन मोहन सिंघल ने भारत सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है।
विदेश से लौटे विद्यार्थियों को आईसोलेशन वार्ड में रखा
नदबई. चिकित्सा विभाग की टीम ने दो जनों को विदेश से लौटने पर मेडिकल स्क्रीन करते हुए होम आईसोलेशन में रखा। विभागीय सूत्रों के अनुसार कस्बा निवासी अनुदीप उपाध्याय व गांव उटारदा निवासी रविन्द्र सिंह के विदेश से लौटने की सूचना पर चिकित्सा टीम ने युवक की स्क्रीन कर जांच की। बाद में दोनों युवक को चिकित्साकर्मी की निगरानी में होम आईसोलेशन में रखा गया।
दोपहर को सन्नाटा...और शाम को बाजार में मारामारी
कोरोना वायरस को लेकर शहर के बाजार में भी साइड इफेक्ट नजर आया। दोपहर के समय जहां बाजार में सन्नाटा पसरा नजर आया तो शाम को अफवाह फैल गई कि एक-दो दिन में राशन के सामान की कालाबाजारी शुरू हो जाएगी। ऐसे में सब्जी मंडी, परचून की दुकानों में इतनी भीड़ हो गई कि खुद दुकानदारों को भी ग्राहकों को संभालना मुश्किल हो गया।
खास बात: ओटीपी नंबर से मिलेगा गेहूं
कोरोना वायरस के संक्रमण का असर उचित मूल्य की दुकानों से भी प्रभावी हो सकता है। क्योंकि दुकानों पर सैंकड़ों उपभोक्ता आकर पोस मशीन पर अंगुलियों के निशान लगाकर खाद्य सुरक्षा का गेहूं उठाते हैं। इस स्थिति में सरकार ने 31 मार्च तक राशन वितरण का कार्य ओटीपी नंबर के माध्यम से कर दिया है। यह व्यवस्था कोरोना वायरस को देखते हुए लागू की है। राशन डीलर अब राशन कार्ड संख्या को पोस मशीन में डालकर उपभोक्ता के मोबाइल पर आए ओटीपी नंबर से गेहूं देगा।
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