अभियान के रूप में यह खुराक 30 अप्रेल से 30 मई तक महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त कार्यक्रम के तहत पिलाई जाएगी। इसका उद्देश्य बच्चों को कुपोषण के साथ संक्रामक बीमारियों से बचाकर स्वस्थ जीवन देना है।
जिले में 2083 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें 1855 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं, वहीं चिकित्सा विभाग की 396 एएनएम सीएचसी पीएचसी पर कार्यरत हैं जो शिशु एवं बच्चों को विटामिन ‘एÓ की खुराक पिलाकर रोग से निजात दिलाएंगी।
यइ जिम्मेदारी गांव स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं एएनएम, सेक्टर स्तर पर एलएस व एलएसवी पिलाएंगी। इससे पूर्व ब्लॉक स्तर पर महिला एवं बाल विकास के सीडीपीओ व चिकित्सा विभाग के बीसीएमएचओ 20 से 28 अप्रेल तक माइक्रो प्लान तैयार करेंगे।
इसके बाद 30 अप्रेल से रोग निदान अभियान की शुरूआत की जाएगी। इसमें नौ माह के शिशु को 01 एमएल व 01 से 05 वर्ष तक के बच्चों को 02 एमएल दवा पिलाई जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि विटामिन ‘एÓ की कमी से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
इस कारण बच्चे संक्रमण से ग्रसित होकर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। बच्चों के आंखों में रतौंदी,चर्म रोग, कमजोरी, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना, भूख कम लगना आदि विटामिन ए की कमी को बताते हैं। सीडीपीओ कुम्हेर महेंद्र अवस्थी का कहना है कि तीस अप्रेल से तीस मई तक बच्चों को विटामिन ‘एÓ की खुराक पिलाई जाएगी। इसका उद्देश्य शिशुओं और बच्चों में कुपोषण, संक्रमण को दूर करना और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना है।