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बैठक में अचानक ये क्या बोल गए सदस्य?

locationभरतपुरPublished: Sep 12, 2019 11:35:12 am

Submitted by:

Meghshyam Parashar

जनवरी-फरवरी 2020 में पंचायतराज संस्थाओं के चुनाव होने हैं। इसलिए बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में हुई जिला परिषद् की साधारण सभा की बैठक भी खास थी लेकिन पांच साल से विकास और सड़कों की समस्या को लेकर सदस्य इतने नाराज हुए कि अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई।

बैठक में अचानक ये क्या बोल गए सदस्य?

बैठक में अचानक ये क्या बोल गए सदस्य?

भरतपुर. जनवरी-फरवरी 2020 में पंचायतराज संस्थाओं के चुनाव होने हैं। इसलिए बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में हुई जिला परिषद् की साधारण सभा की बैठक भी खास थी लेकिन पांच साल से विकास और सड़कों की समस्या को लेकर सदस्य इतने नाराज हुए कि अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई।
आश्चर्य इस बात का था कि सदस्यों ने अधिकारियों को इतना तक कह दिया कि वे भीषण गर्मी में एसी चैंबर से बाहर निकलें तो उनको पता चले कि क्षतिग्रस्त सड़कों पर आमजनता कैसे सफर करती है। साथ ही दो सदस्य नेमसिंह फौजदार व विनोद विकास कार्यों के अवरुद्ध होने से नाराज होकर मुंह पर कपड़ा बांधकर बैठ गए। जबकि एक सदस्य कुर्सी नहीं मिलने से नाराज होकर बीच में बैठ गया।
जिला प्रमुख बीना सिंह फौजदार की अध्यक्षता में हुई बैठक में सदस्य नेमसिंह फौजदार ने कहा कि जिस सड़क निर्माण के लिए बैठक की प्रगति रिपोर्ट बताया है कि कार्य शुरू करा दिया गया है, वह तो आठ महीने से बंद पड़ी है।
मतलब विभाग के अधिकारी झूठ बोल रहे हैं। इसको लेकर काफी देर तक सदस्य व सार्वजनिक निर्माण विभाग के एसई के बीच कहासुनी हुई। सियाराम गुर्जर ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान की स्थिति भी भरतपुर से अच्छी है। गौरव पथ हो या कोई कार्य, 60 लाख रुपए का कार्य ठेकेदार 20 लाख रुपए में कर देता है। घोटालेबाज अधिकारी-कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। नगला रतउआ का रास्ता खराब पड़ा है। एक्सईएन व जेईएन से कहा जाता है तो जबाव मिलता है कि फलां ठेकेदार का काम है। जहां पैदल निकलने को भी रास्ता नहीं है। इसको लेकर एसई ने बजट की कमी बताई तो सदस्य तेजेंद्र सिंह ने कहा कि जब पैसे नहीं है तो खुद विभाग के अधिकारी घर क्यों नहीं बैठ जाते। सदस्य पुष्पेन्द्र करीली, राकेश सिंह, ने ग्राम पंचायत लखन के ग्राम सचिव की ओर से निर्माण कार्यों की कमियों की जांच के लिए गठित समिति की कार्रवाई न होने पर जिला प्रमुख की ओर से समिति की जांच शीघ्र पूरी कर रिपोर्ट देने तथा संबंधित के विरूद्ध रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई को कहा। करीली ने कहा कि पांच साल में सदस्य जानते हैं कि सड़कों को लेकर उन्हें कितना परेशान होना पड़ा है लेकिन विभाग के अधिकारी है कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे। मीनू सिंह ने कहा कि पिछली बैठक में भी बहरारेखपुरा में गौरव पथ फेज तृतीय में स्वीकृत करना बताया गया था लेकिन निर्माण आज तक शुरू नहीं हो सका है। जब विभाग के पास बजट की कमी है तो बीस सूत्रीय कार्यक्रम की बैठक में अधिकारी मंत्री के सामने क्यों नहीं बताते। रूपवास क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बड़ी संख्या में परिवार आज भी वंचित है। तत्कालीन कलक्टर ने उनको लाभान्वित करने की कोशिश की थी। बैठक में सांसद रंजीता कोली ने कहा कि श्रम विभाग के अधिकारियों की ओर से मृतक के नाम पर भी रिश्वत लेने की शिकायत बहुत गंभीर है। इस प्रकरण की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। अगर ऐसी शिकायत दुबारा आती है तो संबंधित किसी भी अधिकारी को बख्सा नहीं जाएगा। बैठक में जिला प्रमुख ने शिक्षा एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मिड डे मील एवं अन्नपूर्णा दूध योजना पर निरंतर निगरानी रखें तथा समय-समय पर खाद्य पदार्थों एवं दूध के नमूने लिए जाएं एवं नमूनों के अमानक पाए जाने पर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करें। इस मुद्दे पर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा ने कहा कि जिला परिषद सदस्य एवं सदन प्रस्तावित करें तो विद्यालयों में पोषाहार पकाने का कार्य एनजीओ से हटाकर विद्यालयों की एसएमसी एवं एसडीएमसी के माध्यम से कराया जा सकता है। इससे मिड डे मील की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके।

शर्मनाक: श्रमिकों की मौत पर भी 15-15 हजार रुपए की वसूली

सदस्य कमलसिंह यादव ने कहा कि श्रम विभाग की ओर से श्रमिकों की मौत के बाद योजना के तहत सहायता राशि का लाभ देने के लिए 15-15 हजार रुपए की वसूली की जा रही है। इस पर श्रम विभाग के एक अधिकारी ने इस बात से इंकार किया तो सदस्यों ने उनको भी खरी-खोटी सुनाई। इस पर जिला प्रमुख ने प्रकरण की जांच के लिए चार सदस्यों की कमेटी बनाई। इसमें सदस्य राकेश सिंह, तेजेन्द्र फौजदार, मीनू सिंह एवं संयुक्त श्रम आयुक्त ओपी सहारण को सदस्य नियुक्त किया। कमलसिंह ने यह भी आरोप लगाया कि कार्यकाल में दो हैंडपंप भी क्षेत्र में स्वीकृत नहीं किए गए हैं। अब आगामी समय में जनता के बीच कैसे शक्ल दिखाएंगे। गांवों में चंबल परियोजना के नाम पर सड़कों को खोद दिया गया है।

लापरवाही: अब तक की सबसे कम प्रगति वाले सीईओ

बैठक में सदस्य शशि हथैनी ने जिला परिषद् सीईओ बीएल रमण पर आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक जितने भी सीईओ रहे हैं, उनमें सबसे कम कार्य करने वाले वो ही है। खुद जिला प्रमुख व सीईओ को भी इस बात का आंकलन करना चाहिए। जब से ये सीईओ आए हैं, तभी से विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। बराखुर, हथैनी के आरओ तीन माह से बंद पड़े हैं। भवनपुरा, हथैनी, बराखुद की सड़क क्षतिग्रस्त है। नगला मना की सड़क पांच साल के अंदर अब तक नहीं बनी है। आगामी बैठक रूपवास के गांव एक्टा में होनी चाहिए। राजकुमार ने समय पर कार्रवाई नहीं करने व दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने से बचने का आरोप लगाया।

मेवात: सही सड़कों को भी बिगाड़ कर रख दिया साहब

बैठक में सदस्य शरीफ खान ने कहा कि सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से सबसे ज्यादा अनदेखी मेवात के साथ की गई है। घाटमीका का रास्ता पहले ही सही था लेकिन अब उस पर से गिट्टियां तक गायब हो गई है। मेवात की कितनी ही सड़कों की हालत खराब हो चुकी है। रास्ते में बोर्ड लगा रखा है कि कार्य प्रगति पर है। अधिकारी बताएं कि प्रगति कहां पर हो रही है। इस पर अधिकारियों ने कहा कि ओवरलोड के कारण सड़क क्षतिग्रस्त हो जाती है तो सदस्यों ने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग के अधिकारी क्या सिर्फ तनख्वाह लेने के लिए है। वो कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं।

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