शिविर में डीआईजी ने लोगों से आपसी विवादों को लेकर पुलिस थानों में बलात्कार, दहेज समेत अन्य झूठे प्रकरण दर्ज कराने से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आपसी विवादों को स्थानीय स्तर पर सुलझाए। उन्होंने गांवों में जुआ, सट्टा व अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने और इन लोगों के संबंध में पुलिस को सूचना देने की बात कही। डीआईजी गौड ने इससे पहले 14वीं बटालियन आरएएसी परिसर पहुंचे। जहां पर सशस्त्र जवानों ने गार्ड ऑफ आर्नर दिया। गौड ने आरएएसी परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण का संदेश दिया। उन्होंने जवानों की समस्याएं सुनी और उनका निस्तारण का आश्वासन दिया। डीआईजी बाद में पहाड़ी थाने पहुंचे और जानकारी ली। उन्होंने लोगों के परिवादों की सुनवाई करते हुए अधिकारियों को निस्तारण के निर्देश दिए। इस दौरान पहाड़ी थाने के गांव बुराना के दो पक्ष आपसी विवाद को लेकर पहुंचे, जिन्हें शांतिभंग में गिरफ्तार और समझाइश कर मामले का निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने आगामी पंचायत चुनावों को देखते हुए दोनों पक्षों की सुनकर कार्रवाई करने की बात कही। वहीं झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाले के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 182 के तहत कार्रवाई करने की बात कही। डीआईडी ने नफरी के सवाल पर कहा कि यह स्थिति पूरे प्रदेश में है। उन्होंने गोतस्करी व अवैध खनन रोकने को लेकर पुलिस विशेष सतर्क रहने के लिए कहा। अवैध खनन मामले में खनिज विभाग को पूरा सहयोग देने की बात कही। घाटमीका चौकी पर स्टाफ बढ़ाने के निर्देश दिए।