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जब 260 पट्टे जारी कर दिए तो अब इंकार क्यों कर रहे अधिकारी

locationभरतपुरPublished: Jan 15, 2021 03:21:40 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-कच्चा परकोटा नियमन संघर्ष समिति ने नगर निगम आयुक्त के साथ की वार्ता, नियमन के संबंध में दिए दस्तावेज

जब 260 पट्टे जारी कर दिए तो अब इंकार क्यों कर रहे अधिकारी

जब 260 पट्टे जारी कर दिए तो अब इंकार क्यों कर रहे अधिकारी

भरतपुर. कच्चा परकोटा नियमन संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मण्डल के साथ नवनियुक्त आयुक्त नगर निगम की बैठक गुरुवार को हुई। इसमें संघर्ष समिति के संयोजक जगराम धाकड़ ने आयुक्त राजेश गोयल का माला पहनाकर, दुपट्टाअ ओढ़ाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर आयुक्त के साथ हुई बैठक में समिति की ओर से अवगत कराया गया कि राज्य सरकार के पत्र 16 दिसंबर 2020 के जबाव नगर निगम की ओर से शीघ्रतिशीघ्र भिजवाया जाए।
बैठक में पूर्व नेता प्रतिपक्ष इन्द्रजीत भारद्वाज ने आयुक्त को दस्तावेजों के साथ अवगत कराया कि शहर के चारों ओर मिटटी के परकोटे की भूमि पर सन 1970 से लेकर आज तक कच्चे परकोटे में मकान बनाकर लोग काबिज हैं। वर्ष 1967 से लेकर 1977 तक मिट्टी के परकोटे पर तत्कालीन नगर पालिका एवं नगर परिषद की ओर से धनाढ्य लोगों को 260 पट्टे एवं सैकड़ों निर्माण मंजूरी आदि जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने आगे बताया कि मिट्टी का परकोटा न तो जल बहाव में है न जल भराव का क्षेत्र है। परकोटे पर अधिकांश स्थानों पर आने जाने के लिए उचित मात्रा में आम रास्ते उपलब्ध हैं। वहीं नगर निगम की ओर से जघीना गेट से चांदपोल होते हुए अनाह गेट तक परकोटे के सहारे-सहारे 20 फुट चौड़ी कच्ची सड़क का निर्माण कराया जा चुका है। पुरातत्व विभाग की ओर से नगर निगम को अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नियमन के लिए जारी किया जा चुका है। भारद्वाज ने आगे अवगत कराया कि नगर निगम में परकोटे की भूमि की 916 पत्रावलियां पैन्डिंग पड़ी हुई हैं इनके पट्टे आज तक जारी नहीं हुए हैं जबकि नगर निगम की ओर से चहेते लोगों को निर्माण मंजूरी आदि जारी किए जा चुके हैं। भारद्वाज ने बताया कि पुरातत्व विभाग के अधीन मात्र परकोटे के अंदर बने हुए दरवाजे व बुर्जों पर रखी हुई तोपें संरक्षित हैं। मिट्टी के परकोटे की भूमि को नगर निगम को 2005 में हस्तांतरित किया जा चुका है। पूर्व आयुक्त की ओर से राज्य सरकार को तीन नवंबर 2020 को परकोटे के बावत गलत रिपोर्ट भेजी गई थी। इसकी शिकायत करने पर राज्य सरकार की ओर से नगर निगम से तथ्यात्मक टिप्पणी मांगी गई है, इस रिपोर्ट को शीघ्र भेजने की कार्यवाही की जाए। भारद्वाज ने स्टेट ग्रान्ट के पट्टों को देने में हुई देरी एवं अनाह गेट स्थित नाले निर्माण के कार्य को निरस्त करने के प्रकरण की जांच कराने की मांग कर कार्य को प्रारम्भ कराने को कहा। आयुक्त नगर निगम की ओर से प्रतिनिधि मण्डल को आश्वासन दिया कि परकोटे की भूमि का अवलोकन करने के पश्चात राज्य सरकार को शीघ्र रिपोर्ट प्रेषित कर परकोटे के नियमन की कार्यवाही स्वीकृति मिलने पर प्रारम्भ कर दी जाएगी। बैठक में संघर्ष समिति के श्रीराम चंदेला, नारायन सिंह, कै. प्रताप सिंह, जगदीश खंडेलवाल, मुरारी सिंघल, समन्दर सिंह, भागमल, ओमप्रकाश लवानियां, राजवीर सिंह, नरेश शर्मा, अनवर खान, मानसिंह गुर्जर, गौरव अग्रवाल, किशनलाल सेन, श्रीकृष्ण कश्यप, गोपीकांत शर्मा, मानसिंह सागर, मुकेश शर्मा, देवीसिंह आदि मौजूद थे।
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