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सिमको विवाद: अब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने गठित की समिति, सात दिन में प्रस्तुत करेगी रिपोर्ट

locationभरतपुरPublished: Sep 28, 2020 03:40:22 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-पांच महीने से चल रहे विवाद के बीच अचानक प्रदेशस्तर पर लिया निर्णय, एक भाजपा नेता ने की थी प्रदेशाध्यक्ष से शिकायत

सिमको विवाद: अब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने गठित की समिति, सात दिन में प्रस्तुत करेगी रिपोर्ट

सिमको विवाद: अब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने गठित की समिति, सात दिन में प्रस्तुत करेगी रिपोर्ट

भरतपुर. पिछले करीब पांच महीने से सिमको वैगन फैक्ट्री को लेकर जो विवाद चल रहा था, उस विवाद के बीच अब भारतीय जनता पार्टी ने चुप्पी तोड़ दी है। जिले के ही एक भाजपा नेता की ओर से यह पूरा प्रकरण प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के पास पहुंचाने के बाद इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। कमेटी की ओर से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद इस मामले में आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने बताया कि भरतपुर स्थित सिमको को षडयंत्र पूर्वक हड़पने का प्रयास चल रहा है, सिमको भरतपुर की जीवनदायिनी रही है। क्षेत्र में दशकों से रह रहे परिवारों को बिना मुआवजा बेदखल किया जा रहा है। स्थानीय विद्यालय को प्रशासन की सहमति से बंद कर दिया गया है इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है तथा अध्ययन के लिए छोटे बच्चों को अन्यत्र दूरस्थ स्थान पर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। प्रशासन की उक्त अनदेखी से स्थानीय निवासियों में काफी रोष है। पूर्व में स्थानीय नेताओं, व्यापार संघों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से इस गैर कानूनी जन विरोधी कार्यवाही के खिलाफ प्रशासन को ज्ञापन देकर प्रभावित नागरिकों की भावनाओं से भी अवगत कराया गया था। राज्य में कानून व व्यवस्था के दृष्टिकोण से यह गंभीर प्रकृति का मामला है। इसकी लोकहित में निष्पक्ष जांच कराना आवश्यक है। प्रकरण की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है। इसमें सांसद भागीरथ चौधरी, प्रदेश मंत्री व पूर्व संसदीय सचिव जितेंद्र गोठवाल, प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा करेंगे। यह समिति सात दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। वहीं प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा ने बताया कि एक-दो दिन के अंदर यह समिति आएगी। उसके बाद ही प्रदेश स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।
पिछले एक महीने से चल रही बयानों की तकरार

सिमको प्रबंधन जहां अभी तक जनता के बीच आकर यह स्पष्ट नहीं कर पा रहा है कि आखिर वह यह सबकुछ क्यों और किसलिए कर रहा है तो वहीं जनप्रतिनिधि व सिमको बचाओ संघर्ष समिति के नेताओं के बीच बात यहां तक आ पहुंची है कि राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने पिछले दिनों ब्लेकमेलर नाम लेकर बयान तक दे दिया। इसके बाद समिति ने सवाल खड़े कर दिए। सिमको वैगन फैक्ट्री 13 नवंबर 2000 से लेकर 2008 तक लॉकआउट रही। राज्य सरकार के प्रयासों के उपरांत सिमको की 13 यूनियनों के साथ त्रिपक्षीय समझौता उप श्रम आयुक्त भरतपुर कैंप-जयपुर की ओर से पांच मार्च 2008 को नौ शर्तों के साथ कराया गया। इसमें नौ बिंदुओं पर समझौता हुआ कि श्रमिकों का बकाया वेतन वर्तमान महंगाई को देखकर व ग्रेच्युटी नियमानुसार बोनस वर्ष 1999-2000 तक एवं 2000-2001 तक छुट्टियों का पैसा देकर हिसाब चुकता किया जाएगा, जो पैसा एक वर्ष के अंदर त्रिमासिक किश्तों में दिया जाना तय था। पिछले दिनों संघर्ष समिति ने आरोप लगाया था कि सिमको प्रबंधन की ओर से फैक्ट्री निर्माण वास्ते आवंटित भूमि को फ्री होल्ड कराकर आवासीय क्वार्टरों को तुड़वा कर जमीन को बेचने की साजिश की जा रही है। लीज डीड जो कि राज्य सरकार की ओर से 24 अगस्त 1966 को निष्पादित कराई गई, उसकी पालना नहीं कराई जा रही है।

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