यहां लोहागढ़ व भरतपुर दोनों डिपो से लगभग 135 बस संचालित हैं। इनमें प्रतिदिन 35 से 40 हजार यात्री यात्रा करते हैं। ऐसे में महिलाओं की सुविधा के लिए चारों ओर से ढका हुआ शौचालय होना अनिवार्य है, लेकिन परिसर में दीवार के सहारे बना महिला शौचालय टूटा पड़ा है। यहां तक की दीवार भी नहीं है। ऐसे महिलाओं को परेशानी होती है या शुल्क देकर शौचालय जाना पड़ता है।
सफाई व्यवस्था पर 16 हजार 500 रुपए प्रतिमाह का ठेका है। वहीं ऊपरी मंजिल पर कार्यालय की सफाई के लिए 02 हजार रुपए महीने अलग से है। इसमें पूरा बस स्टेंड परिसर व कार्यालय की सफाई शामिल है। बावजूद इसके दीवारों पर गुटखा की पीक के निशान व परिसर में कचरा देखा जा सकता है। हालांकि, रोडवेज प्रशासन स्टेंड पर पानी से धुलाई कराता है और कचरा के लिए डस्टबिन लगाए हैं फिर लोग सफाई के ्रप्रति जागरूक नहीं है। यात्रियों को भी जागरूक होना चाहिए।
महिला शौचालय पर नजर डालें तो गंदगी से भरा है और दीवार भी नहीं है। जबकि, रोडवेज प्रशासन की ओर से महीनों से शौचालय की टूटी दीवार का निर्माण शीघ्र कराने की बात कही जा रही है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को पत्र लिख कर अवगत करा दिया है। भरतपुर डिपो के मुख्य प्रबंधक अवधेश शर्मा का कहना है कि सफाई का ठेका दे रखा है और हमने स्वयं भी कई बार बस स्टेंड परिसर में पानी से धुलाई व कचरा पात्र रखे हैं, लेकिन यात्रियों को भी जागरूक होना चाहिए। वहीं महिला शौचालय की दीवार का निर्माण शीघ्र कराएंगे।