यह स्थिति भरतपुर शहर व सेवर सहित रूपवास, कुम्हेर और उच्चैन में बारिश, वहीं वैर कस्बे में बारिश के साथ चना आकार के ओले गिरे। रात को आसमान साफ रहा, लेकिन गलन थी। सुबह तक गलन को ठंडी हवा ने बढ़ा दिया। वहीं शाम को कहीं ओले गिरे तो कहीं बारिश हो गई।
इसका कारण अरब सागर से उठते चक्रवात से पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी को बताया गया है, जिसका प्रभाव यहां दिखाई दिया। इससे बारिश व ओले गिरे। दूसरी ओर तापमान में भी उतार-चढ़ाव देखा गया। बीते दिन मंगलवार को अधिकतम 19 डिग्री था, वहीं न्यूनतम तापमान 11 डिग्री दर्ज किया। लेकिन बुधवार को अधिकतम 01 डिग्री की बढ़ोतरी के साथ 20 डिग्री और न्यूनतम 05 डिग्री की गिरावट से 06 डिग्री दर्ज हुआ। इसके असर से लोगों ने शाम को अधिक सर्दी महसूस की।
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो इस मौसम परिवर्तन का असर अगले दो दिन और दिखाई देगा। उन्होंने दो दिन और बारिश की संभावना जताई है। इस स्थिति में जिले के 2.67 लाख किसान प्रसन्न हैं। क्योंकि, पहले पाला पडऩे के बाद किसान धूप निकलने का इंतजार कर रहे थे। कई दिन से तेज धूप थी। अब सरसों, गेहूं, चना, जौ आदि को पानी की जरूरत थी।
ऐसे में बारिश ने किसानों को खुश कर दिया। वहीं तापमान भी 06 डिग्री रहा। बताया जाता है कि 04 डिग्री से कम तापमान पर पाला पडऩे की स्थिति रहती है, जिससे फसल खराब होने की आशंका बनी रहती है। लेकिन, ओले गिरने वाले क्षेत्र में फसल को नुकसान का अंदेशा है।