गौरतलब है कि राज्य में संचालित रोजगार कार्यालय अब भत्ता, पंजीयन, कौशल विकास प्रशिक्षण या रोजगार शिविर के माध्यम से निजी कंपनियों में रोजगार दिलाने का माध्यम बन गया है। जबकि, पहले सरकारी नौकरी लगने की सूचना देने का केंद्र माना जाता था। वर्तमान में एसटी, एससी व सामान्य वर्ग के 3828 महिला-पुरुष युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है।
इनमें से महिलाओं और दिव्यांगों को 750 रुपए व एसटी-एससी तथा सामान्य वर्ग के पुरुषों को 650 रुपए देने का प्रावधान है। मगर, आचार संहिता के चलते इन युवाओं को अक्टूबर व नवम्बर दो माह का करीब 55 लाख रुपए का भत्ता नहीं मिला है। इससे मायूस युवा प्रतिदिन कार्यालय आकर जानकारी ले रहे हैं।जिला रोजगार अधिकारी भरतपुर श्यामलाल साटोलिया ने बताया कि जिले में रोजगार कार्यालय से पंजीकृत करीब 36605 युवा हैं।
इनमें से विभिन्न वर्गों के 3828 युवाओं को भत्ता देय है। इसके तहत एसटी के 163 लाभार्थियों को 01 लाख 13 हजार 850 रुपए, एससी के 440 लाभार्थियों को 03 लाख 19 हजार 600 रुपए और सामान्य वर्ग के 3225 लाभार्थियों को 23 लाख 40 हजार 134 रुपए का भत्ता देय है। इस हिसाब से इन्हें दो माह का करीब 55 लाख रुपए का भत्ता नहीं पहुंचा है। लाभार्थियों को दो माह से बेरोजगारी भत्ता नहीं भेजा है। आचार संहिता लगने के कारण रुका था। अब विभाग ने बजट बनाकर भेज दिया है। बजट आते ही भुगतान कर दिया जाएगा।