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अंतरा इंजेक्शन लगवाने से रख सकते हैं तीन माह का अंतर

locationभरतपुरPublished: Jan 20, 2022 10:59:16 am

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत चिकित्सा अधिकारियों को दिया प्रशिक्षण

अंतरा इंजेक्शन लगवाने से रख सकते हैं तीन माह का अंतर

अंतरा इंजेक्शन लगवाने से रख सकते हैं तीन माह का अंतर

भरतपुर. राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में चिकित्सा अधिकारियों को इंजेक्टेबल कॉन्ट्रासेप्टिव अंतरा इंजेक्शन का प्रशिक्षण किया गया। इसमें मास्टर प्रशिक्षक डॉ. राहुल कौशिक खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी नदबई ने उपस्थित चिकित्सा अधिकारियों को जानकारी देते हुए बताया कि जो दंपत्ति अनचाहे गर्भ से मुक्ति चाहते हैं वह एक बार अंतरा इंजेक्शन लगवा कर तीन माह तक अंतर रख सकते हैं। अंतरा इंजेक्शन को कब और कैसे तथा किस जांच के उपरांत महिलाओं को लगाना है इसके बारे में भी उपस्थित चिकित्सा अधिकारियों को अवगत कराया। डॉ. कौशिक ने बताया कि सर्वप्रथम योग्य दंपतियों की काउंसलिंग की जाए। उसके बाद अंतरा इंजेक्शन के लिए प्रेरित किया जाए। इससे महिलाओं को अनचाहे गर्भ से मुक्ति मिल सके। डॉ. कौशिक ने मेथड इफेक्ट की भ्रांतियां दूर करने के उपाय भी बताए। प्रशिक्षण के दौरान सहायक सांख्यिकी अधिकारी लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि अंतरा कार्य की रिपोर्ट पीसीटीएस एवं अंतरा राज सॉफ्टवेयर पर शत-प्रतिशत लाइन लिस्टिंग दर्ज करने के बारे में अवगत कराया। प्रशिक्षण समापन के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लक्ष्मण सिंह की ओर से सभी प्रतिभागियों को परिवार कल्याण एवं अन्य समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रमों के आवंटित लक्ष्य को शत प्रतिशत पूर्ण करने हेतु दिशा निर्देश प्रदान किए। इस मौके पर आरसीएचओ डॉ. अमर सिंह सैनी, सांख्यिकी अधिकारी जगदीश शर्मा, डीएनओ दीपक शर्मा एवं परिवार नियोजन सलाहकार मनोज कुमार एवं मोहित शर्मा उपस्थित थे।
नसबंदी में भरतपुर जिला दूसरे स्थान पर

सीएमएचओ ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020- 21 में राज्य स्तर पर नसबंदी कार्यक्रम में भरतपुर जिले को दूसरा स्थान मिला है। इस वर्ष भी दो बच्चे वाले दंपतियों को विशेष रूप से प्रेरित किया जाए। क्योंकि इस वर्ष नसबंदी का लक्ष्य दो बच्चे वाले दंपतियों का ही आवंटित हुआ है। उन्होंने उपस्थित चिकित्सा अधिकारियों को कोविड-19 एक्शन में 31 जनवरी 2022 से पूर्व बकाया प्रथम डोज द्वितीय डोज तथा 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को लगाने वाली डोज तथा बूस्टर डोज जो फ्रंटलाइन वर्कर, स्वास्थ्यकर्मी तथा 60 वर्ष से अधिक आयु को लगाई जा रही है उसकी शत-प्रतिशत प्राप्ति सुनिश्चित की जाए। इसके लिए प्रतिदिन एएनएम व सीएचए वाइज माइक्रो मूल्यांकन किया जाए तथा सैंपल कलेक्शन भी बढ़ाया जाए।
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