नगर निगम और रूपवास नगर पालिका के घोषित हुए परिणाम में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। नगर निगम में भाजपा ने 22 सीट जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई हैं। वहीं, निगम में 22 सीटों पर ही निर्दलीय और कांग्रेस के 17 सीट और बसपा ने 3 सीट पर जीत हासिल की है। 65 के बोर्ड में कांग्रेस का एक प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध विजयी घोषित हो चुका है। उस लिहाज से कांग्रेस के पास कुल 18 पार्षद हैं। उधर, जिले के रूपवास कस्बे में पहली बार हुए नगर पालिका के चुनाव में निर्दलीय बाजी मारने में आगे रहे। यहां 25 के बोर्ड में 13 सीट निर्दलीय पर विजयी रहे जबकि भाजपा-कांग्रेस को 6-6 सीट ही मिल पाईं। नतीजे घोषित होने के साथ ही भरतपुर में नगर निगम में मेयर बनाने के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गई है।
कांग्रेस हाइकमान की ओर से तीन दिन पूर्व ही नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड बनाने की जिम्मेदारी तीनों मंत्रियों को सौंपी गईथी। ऐसे में परिणाम आने के बाद से ही मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, डॉ.सुभाष गर्ग व भजनलाल ने एक होटल में डेरा डाल दिया। जहां प्रत्याशियों को बुलाकर उनकी राय जानने के बाद बाड़ेबंदी के लिए रवाना कर दिया गया। इसके अलावा पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी भी भाजपा का बोर्ड बनाने की कोशिश में 23 पार्षदों को लेकर बैठक में जुटे रहे। भाजपा के पार्षदों को भी बाड़ेबंदी में पास ही राज्य के एक जिले में होटल में रखा गया है। देवनानी ने उनके खैमे में 34 से अधिक पार्षद होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि भाजपा निगम में अपना बोर्ड बनाएगी।