कारण बताओ नोटिस भी जारी एक दिन पहले ही अदिति ने कांग्रेसी और बीजेपी के बीच चल रही बस पॉलिटिक्स में अपनी पार्टी को ही निशाने पर लिया था। पार्टी ने अदिति सिंह को कांग्रेसी पार्टी की विरोधी गतिविधियां करने के आरोप में निलंबित कर दिया। पार्टी ने अदिति सिंह को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। फिलहाल वह पार्टी और पार्टी के महिला विंग के पदाधिकारी के पद से निलंबित रहेंगी। यूपी से कांग्रेसी विधायक और गांधी परिवार की बेहद नजदीक मानी जाने वाली अदिति सिंह यूपी सरकार और प्रियंका गांधी के बीच चल रही बस पॉलिटिक्स को लेकर कांग्रेस पर भड़की थीं। उन्होंने कहा था कि अगर बसें हैं तो राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाई। कांग्रेस से ही कहा कि इस कोरोना संकट में सियासत ना करे।
नवांशहर से विधायक की पत्नी बता दें कि अदिति की तरह ही अंगद भी पहली बार वर्ष 2018 में पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए थे। वह पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) से विधायक हैं। विधायक अंगद सिंह नवांशहर सीट से 6 बार विधायक रहे दिलबाग सिंह के परिवार से हैं और अदिति सिंह, अंगद की पत्नी हैं।
ये है ट्वीट अदिति सिंह ने ट्वीट किया था, ‘आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत? एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एम्बुलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, यह कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान ,पंजाब महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई?’ अदिति सिंह ने बसों के मुद्दे पर भाजपा की लाइन देते हुए बुधवार को अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा था। कांग्रेस विधायक ने कहा, “कोटा में जब हजारों बच्चे फंस गए तब राजस्थान सरकार उन्हें सीमाओं तक नहीं छोड़ सकती थी? तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को घर पहुँचने की सुविधा दी।
दिल्ली के होटल में की थी सगाई सदर विधानसभा क्षेत्र से लगातार पांच बार विधायक रहे अखिलेश सिंह ने अपने जीवन में ही बेटी अदिति सिंह को विरासत सौंपकर विधायक बनवा दिया। बेटी की भविष्य की चिंता उन्हें सता रही थी। इसीलिए निधन से कुछ समय पहले ही उन्होंने बेटी की सगाई पंजाब में कांग्रेस विधायक अंगद सैनी के साथ कर दी थी। हालांकि यह बात अखिलेश सिंह के निधन के बाद सार्वजनिक हुई। शादी की सभी रस्में दिल्ली के एक होटल में हुईं थी।