वॉट्सऐप पर मिल रहे संदेश पंजाब पुलिस के स्टेट साइबर क्राइम सेल ने पहचान की है कि लोग संक्षिप्त संदेश सेवा (एस.एम.एस.) और वॉट्सऐप संदेश प्राप्त कर रहे हैं कि चीन की मशहूर ऐप ‘टिकटॉक’ अब भारत में ‘टिकटॉक प्रो’ के तौर पर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि लोगों को डाउनलोड करने के लिए यूआरएल भी दिया गया है।
यूआरएल भेजा जा रहा इसमें दिया यूआरएल http://tiny.cci“iktokPro जो डाउनलोड लिंक के तौर पर दिया गया है, जो कि निजी / संवेदनशील जानकारी के संचार के लिए बुनियादी सुरक्षा प्रोटोकोल और सुरक्षा का उल्लंघन है। इसके अलावा फाइल पर क्लिक करने के साथ तुरंत सिस्टम और एपीके फाईल ‘टिकटॉक प्रो’ एपीके दर्ज हो जाती है, जो कि https://githubusercontent.com/legitprime/v@gb/master/”iktok_pro.apk. स्रोत है। जब लिंक पर क्लिक किया जाता है तो एक संदेश प्रदर्शित होता है ‘इस साइट पर नहीं पहुँचा जा सकता।’
इस मेल आईडी पर करें शिकायत विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वह बहुत सचेत रहें और संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें। अगर वह किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए नकली ऐप सम्बन्धी किसी भी संदेश को प्राप्त करते हैं, तो उनको इसको दूसरों को नहीं भेजना चाहिए, और तुरंत इसको डिलीट कर देना चाहिए। राज्य के साइबर क्राइम इनवेस्टीगेशन सेटर, ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन, पंजाब ने आगे कहा है कि ऐसे लिंक पर क्लिक करना और ज्य़ादा जोखि़म पैदा करता है, क्योंकि यह मालवेयर हो सकता है, जो आपको धोखाधड़ी का शिकार बना सकता है। जिससे उपभोक्ता को वित्तीय नुकसान होने का डर बना रहता है।
इस सम्बन्ध में कोई भी जानकारी सेंटर की ईमेल आईडी ssp.cyber-pb@nic.in पर साझा की जा सकती है, जिससे विभाग को ऐसी धोखाधड़ी सम्बन्धी कार्यवाहियों में शामिल अपराधियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जा सके।
58 चीनी ऐप्स पर पाबंदी जि़क्रयोग्य है कि भारत सरकार ने हाल ही में देश की सुरक्षा, एकता, अखंडता और सद्भावना को चोट पहुँचाने के डर से 58 चीनी ऐप्स पर पाबंदी लगाई है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि टिकटॉक ऐप के साथ मिलता जुलता ‘टिकटॉक प्रो’ नाम का एक मालवेयर आज-कल बहुत देखा जा रहा है जो कि नकली है। यह ऐपीके फाइल गूगल प्ले स्टोर समेत ऐप स्टोर (आईओएस) पर भी उपलब्ध नहीं है जो सीधा-सीधा दर्शाता है कि यह गुमराहकुन और फर्जी ऐप है।