किसान पटाखे चलाएं कृषि अधिकारी आसमान प्रीत सिंह ने बताया कि राजस्थान के संगरिया इलाके से टिड्डी दल के पंजाब में आने की आशंका है। हम लोगों ने सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में डेरा लगा दिया है। हमने किसानों को अलर्ट कर दिया है। साथ में समझा दिया है कि अगर टिड्डी दल का हमला होता है तो पटाखे चलाकर उन्हें फसलों पर बैठने ना दें। सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तैनात कर दी हैं। एक हजार के करीब स्प्रे पंप पानी से भर कर तैयार कर लिए गए हैं। दवाई छिड़काव करने का इंतजाम कर लिया है।
आज आ सकता है टिड्डी दल हवा का रुख टिड्डी दल को प्रभावित करता है। वीरवार को पंजाब में चली तेज हवा टिड्डी दल को पंजाब में आने के लिए मददगार साबित हो सकती है। टिड्डी दल एक दिन में कम से कम 5 किलोमीटर व अधिकतम 130 किलोमीटर तक चलता है। टिड्डी दल की पहुंचने की सूचना पाकर भयभीत किसान पटाखे लेकर खेतों में पहुंच चुके हैं। गांव डूमवाली के किसान गुरमुख सिंह ने कहा कि संगरिया मंडी से डबवाली सिर्फ 20 किलोमीटर है। संगरिया में टिड्डी दल पहुंच चुका है। संभावना है कि आज शाम तक वह पंजाब की सीमा में दाखिल हो जाएगा।
राज्य सरकार की तैयारी हालात की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने कृषि विभाग को एक करोड़ रुपये मूल्य के कीटनाशक की व्यवस्था करने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। कृषि विभाग ने केंद्र को 128 गन स्प्रे पंप मुहैया करवाने को लिखा है। बठिंडा में एडीसी राजदीप सिंह बराड़ के मुताबिक, टिड्डी दल से निपटने के लिए 14 गन स्प्रे, 9 फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की गई है।
तीन बार आ चुके हैं टिड्डी दल उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की तरफ से आने वाले टिड्डी दलों के इस साल जनवरी में हुए हमले के दौरान राजस्थान के कई जिले प्रभावित हुए थे। पंजाब में केवल फाजिल्का और मुक्तसर जिलों में इनका हमला हुआ था। हालांकि टिड्डियों की संख्या काफी कम थी, जिसके चलते नुकसान बहुत ज्यादा नहीं हुआ था। भारत को 1962 में टिड्डी दल का सबसे बड़ा हमला झेलना पड़ा था। उसके बाद 1978 और 1993 के टिड्डी दल हमलों में भी भारतीय किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया था।