भटिंडा

नए कृषि कानून के खिलाफ मुख्यमंत्री धरने पर, पहले शहीद भगत सिंह की समाधि पर पुष्प चढ़ाए

कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए भाजपा और सहयोगी दलों के खिलाफ अदालत में जाएंगे

भटिंडाSep 28, 2020 / 12:53 pm

Bhanu Pratap

शहीद भगत सिंह नगर (पंजाब)। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अद्वितीय क्रांतिकारी शहीद-ए-आजम भगत सिंह की आज 113वीं जयंती पर पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केन्द्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष शुरू कर दिया है। वे भगत सिंह की जंयती के मौके पर शहीद भगत सिंह नगर (एसबीएस नगर- नवांशहर) के पैतृक गांव खटकड़कलां पहुंचे। वहां भगत सिंह की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। फिर वे धरने पर बैठ गए। उनके साथ कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत, पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़, कई मंत्री और विधायक भी हैं। बता दें कि सरदार भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर, 1907 को लायलपुर ज़िले के बंगा में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। उनका पैतृक गांव खटकड़कलां है। इसी गांव में कांग्रेस के नेता जमा हैं।
कृषि कानून रद्द करवाने के लिए अदालत जाएंगे

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नए कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मंजूरी देने को निंदनीय और दुखदायक करार दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने इस संबंध में कांग्रेस और अन्य विरोधी पार्टियों का पक्ष सुने बिना यह फैसला लिया है। इन कानूनों से किसानों का बहुत नुकसान होगा। कहा कि कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए भाजपा और सहयोगी दलों के खिलाफ अदालत में जाएंगे।
किसानों का एक-एक दाना खरीदने के लिए वचनबद्ध

उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए उनकी सरकार प्रांतीय कानूनों में हर संभव संशोधन करने के लिए सभी पहलुओं पर विचार कर रही है। कोई फैसला लेने से पहले किसान संगठनों और अन्य स्टेक होल्डर को भरोसे में लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार फसल की कीमत के साथ समझौता किए बिना किसानों का एक-एक दाना खरीदने के लिए वचनबद्ध है।
Captain Amarinder singh
पंजाब की खेती बर्बाद हो जाएगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में अगला कदम उठाने से पहले उनकी सरकार कानून और खेती माहिरों समेत उन सभी लोगों से विचार-विमर्श कर रही है जो केंद्र सरकार के इन किसान विरोधी कानूनों से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी रास्ता अख्तियार करने के अलावा अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। कैप्टन ने कहा कि इन नए कानूनों को मौजूदा रूप में लागू होने से पंजाब की खेती बर्बाद हो जाएगी जोकि पंजाब की जीवन रेखा है।

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