विधायक सुखविंदर कुमार ने आज सदन में यह मुद्दा उठाया तो स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने स्वीकार ने किया कि वर्ष 2016-17 के दौरान पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले 23 हजार 657 विद्यार्थियों की नजर कमजोर होने के कारण ऐनकें लगाई गई हैं। जबकि वर्ष 2017-2018 के दौरान 32 हजार 959 विद्यार्थियों को ऐनकें लगाई गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में स्कूली बच्चों की आंखों की जांच आर.बी.एस.के. टीम द्वारा साल में एक बार की जाती है। उन्होंने बताया कि पंजाब में एप्थाल्मिक अधिकारियों के कुल 221 पद स्वीकार हैं। जिनमें से 42 पद रिक्त हैं। रिक्त पदों को भरने के लिए दो बार प्रयास किए गए लेकिन 11 पद ही भरे जा सके हैं। अन्य पदों को भरने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
इस मुद्दे पर पूरक सवाल उठाते हुए विधायक सुखविंद्र कुमार ने कहा कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में लंबे समय से विद्यार्थियों की नजर की जांच नहीं की गई है। हालात यह है कि उनके अपने हलका नवांशहर में तैनात किए गए चिकित्सक अन्य स्थानों पर डयूटियां दे रहे हैं।
जिसके चलते चिकित्सकों द्वारा अध्यापकों को ही यह कहा गया है कि वह तय दूरी पर विद्यार्थियों को खड़ा करके बोर्ड पर लिखे शब्द पढ़वाकर देखें। अगर विद्यार्थी नहीं पढ़ पाता है तो उसे अस्पताल भेजा जाए। विधायक ने कहा कि राज्य के स्कूलों में विद्यार्थियों की जांच के लिए यह देसी तरीका अपनाया जा रहा है। उन्होंने रोटरी क्लब जैसे संगठनों की मदद के साथ मोबाइल वैन शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा। जिसे सरकार ने भविष्य में विचार करने का आश्वासन दिया।