विधानसभा में रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट पर व्यापक चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि गुरूग्रंथ साहिब की बेअदबी के जो मामले जांच के लिए सीबीआई को भेजे गए थे उन्हें वापस मंगाया जाएगा और प्रदेश सरकार द्वारा गठित की जाने वाली एसआईटी से जांच करवाई जाएगी। इसके बाद राज्य सरकार ने बेअदबी के मामले सीबीआई से वापस मंगवाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी थी। इस अधिसूचना के जारी होने के बाद एसआईटी का गठन कर दिया गया।
उधर कांग्रेस ने अकाली दल की इस मांग को खारिज कर दिया कि बेअदबी के मामलों और सिखों पर पुलिस फायरिंग की जांच सिटिंग जज से कराई जाना चाहिए। कांग्रेस विधायक राजकुमार वेरका ने कहा कि जब अकाली दल की सरकार थी तब उन्होंने सिटिंग जज से जांच कराने की कार्यवाही क्यों नहीं की। अब उन्हें अपने पर ही खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है तो सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की जा रही है। वेरका ने कहा कि एसआईटी सही जांच करेगी और दोषी पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का चेहरा बेनकाब हो गया है। उन्होंने धृृतराष्ट्र की तरह अपने पुत्र सुखवीर बादल और सम्बन्धी विक्रम मजीठिया की गलतियों की ओर से आंखें बंद कर ली थीं।
पंजाब के ब्यूरो आॅफ इंन्वेस्टिगेशन के निदेशक प्रबोध कुमार की अगुवाई में पांच सदस्यों की एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी गुरूग्रंथ साहिब के अपमान की घटनाओं की जांच करेगी। एसआईटी में आईजी क्राइम अरूणपाल सिंह,आईजी क्राइम कुंवर विजयप्रताप सिंह,एसएसपी कपूरथला सतिंदर सिंह,कमांडेंट भूपिंदर सिंह को शामिल किया गया है।