scriptBreaking news एक माह में किए कोरोना दवा की डेढ़ लाख किट तैयार, बेहतर नेतृत्व का कमाल | 1.5 lakh kits ready in a month, better leadership leads | Patrika News

Breaking news एक माह में किए कोरोना दवा की डेढ़ लाख किट तैयार, बेहतर नेतृत्व का कमाल

locationभिलाईPublished: May 07, 2021 12:08:21 am

Submitted by:

Abdul Salam

मरीज के परिवार को दिया जाता है अलग किट.

Breaking news एक माह में किए कोरोना दवा की डेढ़ लाख किट तैयार, बेहतर नेतृत्व का कमाल

Breaking news एक माह में किए कोरोना दवा की डेढ़ लाख किट तैयार, बेहतर नेतृत्व का कमाल

भिलाई. जिला में एक माह में ही कोरोना महामारी से निपटने के लिए डेढ़ लाख कोरोना का किट तैयार किए। स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों व मेडिकल के स्टूडेंट्स की इसके पीछे अथक मेहनत और इसका नेतृत्व करने वाले अधिकारी का कमाल है। अप्रैल 2021 के दौरान कोरोना के रिकार्ड मरीज मिले। जितने मरीज मिल रहे थे, उससे अधिक उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्य रहे हैं। विभाग एक मरीज को दवा का किट दे रहा था, तो उसके साथ-साथ घर के अन्य तमाम सदस्यों को भी किट दी जा रही थी। यह सारा काम विज्ञान विकास केंद्र से किया जा रहा था।

मरीज को दिया जाने वाला तैयार किया किट
दुर्ग में अलग-अलग किट तैयार किया जा रहा था। पहला किट मरीजों को दिया जाने वाला किट है। एक माह में 51,049 यह किट तैयार किए हैं। जिसमें सारी दवाओं को दिया जा रहा है। अब उसमें बुखार की दवा को भी एड किया जा चुका है। पहले इसमें कटौती किए थे। इस किट को उन मरीजों को दिया जाता है जो संक्रमित हैं। मरीजों को दवा का सेवन करने के साथ-साथ होम आइसोलेशन में रहना होता है। कोर्स पूरा होने के बाद मरीज करीब 17 दिनों बाद ठीक हो गया कहलाता है। इसके करीब तीन माह बाद उसे कोरोना जांच करवाना चाहिए। इससे पहले करवाने पर रिपोर्ट के पॉजिटिव आने की आशंका रहती है।

मरीज के परिवार को दिया जाता है अलग किट
मरीज के साथ रहने वाले परिवार के अन्य सदस्यों को प्रोफाइलेक्टिक किट दिया जाता है। एक माह में जब कोरोना महामारी जिला में तांडव मचा रहा था, तब 84,077 प्रोफाइलेक्टिक किट तैयार किए। इसे तैयार करने में कई तरह की मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता था। अक्सर कोई एक दवा कम पड़ जाती थी, तब एक किट पर कर्मियों को पुन: उतनी ही मेहनत करनी पड़ती थी। इसके बाद भी वे हार नहीं माने और अब वह दवा ही है जो घर-घर तक पहुंची और कोरोना के मरीजों की संख्या को कम करने में मदद मिली है।

बच्चों के लिए किट
घर के बड़ों को जब कोरोना वायरस ने संक्रमित किया तब उनके साथ-साथ बच्चों में भी लक्षण आने लगे थे। तब उनके लिए तैयार किए गए विशेष 9710 किट का उपयोग किए। इससे बच्चों को बेहतर लाभ मिला। यही वजह है कि अधिकतर बच्चे सुरक्षित रहे हैं। घर में अगर बड़े कोरोना से संक्रमित हो जाते हैं तो बच्चों के लिए यह किट बड़ों के साथ-साथ पहुंच जाता था। इसमें 1 से 5 साल, 6 से 10 साल और 11 से 15 साल के बच्चों के लिए अलग-अलग किट बनाए जा रहे हैं। 15 साल से अधिक उम्र को व्यस्क किट दिए जा रहे हैं।

यहां भेजा जाता है किट
भिलाई और दुर्ग के विभिन्न जोनों में भी कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के लिए किट दिया जाता है। जिसमें भिलाई जोन, रिसाली जोन, दुर्ग शहर, महावीर जैन कोविड सेंटर, टंकी मरोदा, सुपेला अस्पताल, नगर पालिक निगम, जुनवानी, चरोदा भिलाई-तीन, कुम्हारी शामिल है।

बेहतर काम करवाने का हुनर
होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को घर में समय पर दवा मिल सके, इसके लिए हर दिन सुबह से शाम तक पसीना बहाया जाता है। इस काम को करने वाली टीम का नेतृत्व होम आइसोलेशन, नोडल अधिकारी कर रही हैं। वे खुद कर्मियों के बीच जाकर समय-समय में दवा से लेकर किट तक पर नजर रखती हैं। यही वजह है कि अब स्टाक में एडवांस में हजारों किट मौजूद रहते हैं। पहले इसकी किल्लत हो रही थी।

अलग-अलग तरह के बन रहे किट
नोडल अधिकारी, होम आइसोलेशन, दुर्ग, डॉक्टर रश्मि भूरे ने बताया कि कोरोना के अलग-अलग किट तैयार किआ जा रहे हैं। जिसमें पॉजिटिव मरीज के लिए किट तैयार हो रहे हैं। इसके साथ-साथ जो उनके प्राथमिक संपर्क में है उनके लिए भी किट बन रहे हैं। इसके अलावा जिन्होंने आरटीपीसीआर या ट्रू नाट जांच करवाया है, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं मिला, उनमें लक्षण नजर आ रहे हैं, तो उनके लिए भी किट बनाए जा रहे हैं।

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