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जिला के किसी भी केंद्र में नहीं पहुंचे सौ फीसदी लाभार्थी, नजर नहीं आया साइड इफेक्ट

locationभिलाईPublished: Jan 16, 2021 11:52:58 pm

शंकरा प्रबंधन को जारी किया नोटिस.

जिला के किसी भी केंद्र में नहीं पहुंचे सौ फीसदी लाभार्थी, नजर नहीं आया साइड इफेक्ट

जिला के किसी भी केंद्र में नहीं पहुंचे सौ फीसदी लाभार्थी, नजर नहीं आया साइड इफेक्ट

भिलाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्बोधन सुनने के बाद करीब 11.20 बजे से कोरोना की वैक्सीन लगाई गई। शुरू में नेटवर्क की परेशानी हो रही थी, तब बिना वीडियो के सिर्फ पीएम की आवाज आ रही थी, बाद में वीडियो के साथ आवाज आने लगी। जिला में पांच केंद्रों में वैक्सीन लगाई जा रही थी, लेकिन किसी में भी सौ फीसदी लाभार्थी नहीं पहुंचे। पहली बार कोरोना वैक्सीन लगाया जा रहा था इस वजह से कुछ लोग डर की वजह से भी वैक्सीन लगवाने नहीं पहुंचे। इसके अलावा अन्य बीमार या डिलीवरी का समय होने की वजह से नहीं लगवा सके। पहले दिन जिनको टीका लगाया गया है, उनमें से किसी को साइड इफेक्ट की सूचना नहीं है। अब उम्मीद की जा रही है कि लाभार्थी आगे आकर टीका लगवाएंगे।

शंकरा प्रबंधन को जारी किया नोटिस
चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर, दुर्ग डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि श्री शंकराचार्य अस्पताल में 100 लाभार्थियों को वैक्सीन लगाई जानी थी, लेकिन सिर्फ 20 लोग ही मौजूद थे। इसको लेकर प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। पांचों स्थानों पर वैक्सीन जिनको लगाई जानी थी, उसमें से कुछ लोग पहली बार लग रही थी, तो डर के भी नहीं आए। वहीं कुछ लोग छुट्टी होने की वजह से बाहर गए थे। इसके साथ-साथ कुछ लोग बीमार होने की वजह से भी टीका लगवाने नहीं आ सके।

चालीस फीसदी लाभार्थियों की अनुपस्थिति पर मंथन
जिला के पांच केंद्र में वैक्सीन लगवाने के लिए उम्मीद से कम लाभार्थियों ने आमद दी। इस बात को लेकर देर शाम तक जिला प्रशासन मंथन करता रहा। मौके पर अलग-अलग केंद्र के प्रभारी मौजूद थे। वैक्सीन लगवाने के लिए 60 फीसदी लाभार्थी पहुंचे थे। शेष 40 फीसदी गायब रहे। जिसमें से 5 फीसदी जो वजह बता रहे हैं वह जायज है। जैसे कोई बीमार, पॉजिटिव, प्रेगनेंट या गंभीर बीमारी से ग्रसित है। शेष के नहीं आने की कोई ठोस वजह नहीं रही है। बैकुठधाम केंद्र की जिम्मेदारी डॉक्टर एसके जामगड़े, डॉक्टर तुषार वर्मा, पाटन में डॉक्टर अनिल शुक्ला, डॉक्टर आशीष शर्मा की, नगपुरा में डॉक्टर डी बेलचंदन, शंकरा जुनवानी में डॉक्टर सीबीएस बंजारे, जिला अस्पताल, दुर्ग में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर सुदामा चंद्राकर की देखरेख में टीकाकरण हुआ।

गलत लिस्ट हो गई अपलोड
शंकराचार्य हॉस्पिटल, जुनवानी में पहली वैक्सीन दोपहर 12.40 बजे लगाई गई। यहां हार्ड कॉपी और साफ्ट कॉपी में अंतर आ गया। जिसका नाम हर्ड कॉपी में था, वह नाम एप में नहीं था। दोनों लिस्ट अलग-अलग हो गई। इसके बाद लाभार्थियों को फोन करके बुलाना शुरू किए। तब कुछ लाभार्थियों ने बताया कि वे आउट ऑफ स्टेशन हैं तो कुछ ने पहली बार लगाई जा रही वैक्सीन से अपने को दूर रखा। वैसे यहां के डीन डॉक्टर एस द्विवेदी ने खुद वैक्सीन लगवाई ताकि अन्य कर्मियों को प्रोत्साहित किया जा सके।

जिला के किसी भी केंद्र में नहीं पहुंचे सौ फीसदी लाभार्थी, यह दिया तर्क
जिला के किसी भी केंद्र में सौ फीसदी लाभार्थी कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए नहीं पहुंचे। 500 वैक्सीन पहले दिन पांच केंद्र में लगाई जानी थी, जिसमें से करीब 315 लाभार्थियों ने ही वैक्सीन लगवाई है। शेष विभिन्न कारणों से वैक्सीन लगवाने नहीं आए। नगपुरा की स्टाफ नर्स गायत्री साहू ने बताया कि वह अभी प्रेगनेंट हैं, इस वजह से वैक्सीन लगवाने से मना किए हैं। इसी तरह से नगपुरा के पीएससी में आरएचओ पद पर कार्यरत रानीलता ने बताया कि वह वैक्सीन लगवाना चाहती थी, लेकिन कैंसर से पीडि़त होने की वजह से अभी मना किया गया है। इसके बाद में लगवाया जाएगा। तब वह वैक्सीन लगवा लेंगी। इधर जनप्रतिनिधियों ने भी मौके पर पहुंचकर वैक्सीन लगवाने पहुंचे लोगों का हौसला बढ़ाया। दुर्ग में विधायक अरुण वोरा और बैकुंठधाम में विधायक व मेयर देवेंद्र यादव पहुंचे थे।

कोरोना के 2000 से अधिक मरीजों का किया इलाज
जिला अस्पताल, दुर्ग में पहला टीका डॉक्टर सुगम सामंत को लगाया गया। उन्होंने बताया कि वह सबसे पहले टीका लगवाकर तमाम स्वास्थ्य कर्मियों समेत हर किसी को संदेश देना चाहती थी कि वे इस टीका को जरूर लगवाएं। यह कोरोना को हराने में सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य कोविड केयर सेंटर, जुनवानी में मई 2020 से कोरोना मरीजों का इलाज होना शुरू हुआ। तब से ही वह कोविड पेसेंट की सेवा में जुटी हैं। अब तक करीब 2000 से अधिक मरीज को देख चुकी हैं।

सैकड़ों प्रवासियों का लिस्ट बनाने से लेकर लॉकडाउन में लोगों के घरों तक जाकर किया मदद
बैकुंठधाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मितानिन रजनी साहू को कोविड-19 का पहला टीका लगा। टीका लगाए जाने से पहले व बाद में उन्होंने बताया कि कोई डर या घबराहट नहीं थी। खुशी है इस बात की कि हमारे देश में इस महामारी का टीका लग रहा है। रजनी ने बताया कि जिस वक्त दूसरे प्रदेश से प्रवासी लौट रहे थे, तब उनके नामों का लिस्ट तैयार किया। प्रवासियों से कहा कि घर के भीतर 14 दिनों तक रहें। इसके बाद जिनकी स्थिति खराब थी, उसको राशन वगैरह से मदद भी किए।

दो हजार से अधिक लोगों का ले चुके नमूना
शंकराचार्य हॉस्पिटल में एएनएस आकाश डेनियल को पहला टीका लगा। उन्होंने बताया कि कोविड-19 का नमूना लेते हैं। पिछले चार माह में उनकी टीम ने 2000 से अधिक लोगों का नमूना लिया है। इसके अलावा अस्पताल में दाखिल जिस मरीज की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, उसके आइसोलेशन से संबंधित कार्य भी वे देखते हैं। उसके पहले वे अस्पताल आने वाले आम मरीजों को कोविड-19 से संबंधित लक्षण व बचाव के संबंध में जानकारी देते थे। टीका लेने के बाद कोई परेशानी नहीं हुई है।

विदेशियों का रखा क्वॉरंटीन में ध्यान
नगपुरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना का सबसे पहला टीका आशीष मरकाम को लगा। उन्होंने बताया कि जिस वक्त कोरोना महामारी शुरू हुई थी, तब जो लोग लंदन, श्रीलंका, अमेरिका से लौट रहे थे, उनको निजी अस्पताल में क्वॉरंटीन किया जाता था। जहां 14 दिनों तक उन पर नजर रखी जाती थी। इसके बाद वे आजाद हॉस्टल में 120 कोरोना संक्रमितों की देखभाल किए। अब नगपुरा स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी कर रहे हैं।

देश कोरोना से मुक्त होगा यह उम्मीद लेकर आया है टीका
पाटन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सबसे पहला टीका होरीलाल यादव को लगाया गया। वे जीवनदीप समिति के कर्मचारी हैं यहां वे ओपीडी में मरीजों के पंजीयन का काम करते हैं। अस्पताल में पंजीयन करने कोरोना संक्रमित और सामान्य दोनों तरह के मरीज आते हैं। इस वजह से यह काम बेहद खतरनाक है। उन्होंने बताया कि आराम से टीका लगवाया, टीका को लेकर कोई डर नहीं था, अब कोरोना की महामारी से देश मुक्त होगा यह उम्मीद लेकर यह टीका आया है।

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