आवासीय के अलावा फल व सब्जी मंडी के आसपास फैला कचरा निगम प्रशासन कलक्टर दर पर १३५० कामगारों को ४७ वार्डों की सड़क व नाली की सफाई और घरों से कचरा कलेक्शन के लिए काम पर रखा है। घरों से कचरा कलेक्शन के लिए ७५० रिक्शे और ५४ऑटो है। इतने इंतजामों के बावजूद घरों से नियमित कचरा नहीं उठने की शिकायतें आम है। आवासीय क्षेत्र के अलावा फल और सब्जी मंडी में के आसपपास सड़क के किनारे प्लास्टिक, पेपर, थर्माकोल और प्रतिबंधित कैरीबैग के कचरे बिखरे पड़े रहते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि रिक्शा चालक नियमित नहीं पहुंचता। लोग इंतजार करने के बजाय आसपास के खुले मैदान में फेंक देते हैं।
ये तीन वजह, जिसके कारण बिगड़ रही है व्यवस्था प्लान – स्वच्छता निरीक्षक और पर्यवेक्षकों के पास ४७ वार्डों की सड़क, नालियों की सफाई स्वच्छता मित्र की ड्यूटी का रोटेशन प्लान नहीं है। इस वजह सफाई व्यवस्था गड़बड़ाती है।
अवकाश – स्वच्छता मित्र जिस दिन साप्ताहिक अवकाश पर रहता है, उस दिन रिलीवर की ड्यूटी नहीं लगाई जाती यानी कामगार के अवकाश के दिन २०० घरों से कचरा नहीं उठता। निगम ने एक स्वच्छता मित्र को २०० घरों का कचरा संग्रहण की जिम्मेदारी दी है।
पक्ष-विपक्ष की लड़ाई – सत्तापक्ष और विपक्ष की लड़ाई की वजह से शहर की सफाई का ठेका नहीं हो पाया है। निगम प्रशासन भी शासन से कलक्टर दर पर काम कराने की वैकल्पिक व्यवस्था की अनुमति मिलने के कारण ठेके पर ध्यान नहीं दे रहा है।
प्रभारी स्वच्छता अधिकारी धर्मेन्द्र मिश्रा ने कहा कि मुझे कहीं से कोई शिकायत नहीं मिली है। आप जिस वार्ड के बारे में बता रहे हैं। वहां स्वच्छता मित्र नियमित जा रहा है। फिर भी यदि गड़बड़ी हो रही तो उस क्षेत्र की ड्यूटी चार्ट को चेक करूंगा।
स्वच्छता विभाग के अध्यक्ष लक्ष्मीपति राजू ने बताया कि अगर किसी हिस्से में रिक्शा नहीं पहुंच रहा है तो स्वच्छता निरीक्षक और पर्यवेक्षक से जानकारी ली जाएगी। व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।