जिला में हुई मौत में 35 फीसदी सेक्टर-9 में
जिला के अलग-अलग अस्पतालों में अब तक 438 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। जिसमें से करीब 35 फीसदी मौत अकेले बीएसपी के सेक्टर-9 अस्पताल में हुई है। इसमें से अधिकतर बुजुर्ग हैं। बीएसपी प्रबंधन रिटायर्ड कर्मियों को कोविड केयर सेंटर में दाखिल करती है, उनकी तबीयत बिगडऩे पर सरकारी अस्पताल में रेफरल की सुविधा है। अगर परिजन अपने खर्च में इलाज निजी अस्पताल में करवाना चाहते हैं तो लेकर जा सकते हैं।
शनिवार और रविवार को भी चिकित्सकों की हो मरीजों पर नजर
जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने सेक्टर-9 अस्पताल के निदेशक स्तर के अधिकारियों से कहा है कि अन्य दिनों की तरह शनिवार व रविवार को कोरोना संक्रमित मरीजों पर 24 घंटे चिकित्सक नजर रखें। इसी तरह से रात 2 से सुबह तक अलग से चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जाए। बुजुर्ग मरीजों का खास ध्यान रखा जाए। अलग से आपातकालीन टीम गठित की जाए। जिससे मौत के आंकड़ों को नियंत्रित किया जा सके।
अब तक जिला के 638 की गई है जान
जिला के 638 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है, जिसमें से करीब दो सौ संक्रमितों की मौत जिला के बाहर दूसरे अस्पतालों में हुई है। जैसे एम्स रायपुर, रामकृष्ण केयर, रायपुर वगैरह। वहीं 438 ने जिला के भीतर मौजूद अस्पतालों में दम तोड़ा है।
केंद्र से आने वाली है टीम
कोरोना के बड़ते मामले को देखते हुए केंद्र से एक टीम छत्तीसगढ़ भी आने वाली है। जिला में मौत और संक्रमितों की संख्या जिस तरह से बढ़ रही है। उससे तय है कि टीम रायपुर के बाद सीधे दुर्ग का रुख करेगी। इस बात को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन भी संजीदा है। यही वजह है कि जहां जो भी कमजोरी है, उसको दूर करने प्रयास किया जा रहा है।
बीएसपी के उच्चाधिकारियों को कलेक्टर ने दिया है निर्देश
चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर, दुर्ग डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि बीएसपी के उच्चाधिकारियों को कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि मरीजों की स्क्रीनिंग बढ़ाई जाए। मरीजों पर 24 घंटे नजर रखने आपातकालीन टीम गठित की जाए। कोरोना संक्रमितों पर खास नजर रखा जाए।
बीएसपी के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर एक अहम बैठक की है। जिसमें तय किया गया है कि अब केजुअल्टी से होकर जो मरीज अस्पताल में दाखिल हो रहे हैं। उनकी भी पहले कोविड-19 जांच की जाएगी। यह व्यवस्था जल्द अमल में लाने की तैयारी है। जिससे अस्पताल में दाखिल होने वाले हर मरीज की कोरोना जांच की जा सके। जिला प्रशासन के निर्देश पर टाउनशिप में कोरोना जांच करने के लिए एक टीम गठित करने पर विचार किया जा रहा है, जो मोबाइल कोविड-19 जांच करेगी।