जिनको मिल रहा टोकन उनकी हो रही जांच
जिला में सारे छोटे केंद्र में 25 से 30 टोकन बांट दिए जाते हैं। इसके बाद उनकी ही जांच की जाती है। शेष को लौटा दिया जाता है। ऐसे में संक्रमितों की संख्या को लेकर कुछ भी कहना जल्दबाजी है। लॉकडाउन में जब अधिकतर लोग घर के भीतर हैं, तब इतने अधिक संख्या में पॉजिटिव केस मिलना हैरान करता है।
मुक्तिधाम में कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार
रिलासी के मुक्तिधाम में करीब 34 कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार किया गया। इसी तरह से रामनगर मुक्तिधाम में करीब 30 से अधिक कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार किया गया। इसके अलावा शिवनाथ नदी, दुर्ग के मुक्तिधाम में आज करीब 25 कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार किए हैं। इससे उलट सरकारी आंकड़े महज 23 संक्रमितों की मौत होने की बात कह रहे हैं। भिलाई इस्पात संयंत्र के दमकल विभाग के अफसर और पूर्व जीएम ने भी आज अंतिम सांस ली। शहर के एक चिकित्सक ने भी दम तोड़ दिया।
मेटाडोर में लेकर आए शव
रामनगर मुक्तिधाम में दुर्ग से मेटाडोर में एक साथ शव लेकर आए। इसके चालक को पीपीई किट नहीं दिया गया था। जिला प्रशासन की ओर से इस तरह से लापरवाही बरती जाएगी, तो कोरोना पर नियंत्रण किस तरह से होगा।
जिला के इन ग्रामीण अंचल में 20-20 बेड ऑक्सीजन युक्त कोविड अस्पताल की होगी व्यवस्था
कलेक्टर सर्वेश्वर भूरे की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के सदस्यों की आवश्यक बैठक की गई। जिसमें जिला कांग्रेस कमेटी, ग्रामीण के अध्यक्ष निर्मल कोसरे ने मांग किया कि अहिवारा, कुम्हारी, धमधा और उतई में 20 बेड ऑक्सीजन युक्त बेड के कोविड अस्पताल शुरू करने मांग की। इस पर दो-तीन दिनों में कोविड अस्पताल शुरू करने का कलेक्टर ने आश्वासन दिया। इसके साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में कोरोना मरीजों के संपर्क में आए परिवार के सदस्यों को भी प्राथमिक उपचार की दवाई देने की बात हुई। बैठक में निर्मल कोसरे के अलावा जिला कंट्रोल कमेटी के सदस्य झुमुक साहू, रुपेन्द्र शुक्ला, शिव कुमार वर्मा, नंद कुमार सेन, मनोज मढरिया, महेंद्र वर्मा, प्रमोद राजपूत मौजूद थे।
कोरोना-बेबसी की तस्वीर
टेस्टिंग के लिए इंतज़ार, रिपोर्ट की इंतज़ार, भर्ती होने व बेड मिलने का इंतज़ार, डॉक्टर का इंतज़ार, ऑक्सीजन का इंतज़ार, रेमडेसिविर का इंतज़ार, हॉस्पिटल से बॉडी लेने घंटो इंतज़ार, शमशान घाट पर क्रियाक्रम के लिए घंटो इंतज़ार.