इस मामले में सीआइएसफ व बीएसपी के अफसरों से भी पुलिस जल्द ही पूछताछ करेगी। दूसरी तरफ यूनियन नेता इस मामले में कर्मियों से पूछताछ करने को लेकर खासे नाराज है। बीएसपी की दोनों प्रमुख यूनियन ने इस पर आपत्ति भी दर्ज करनाई है। जिसके बाद उच्च प्रबंधन सकते में है।
थाने पहुंचा यूनियन का प्रतिनिधिमंडल ट्यूर्स चोरी के मामले में पूछताछ करने के लिए ब्लास्ट फर्नेस-1 से 7 में रिपेयर शॉप के दो कर्मचारियों सेे पूछताछ की गई थी। इसके बाद भट्ठी थाना में बैठा दिया। उनसे पुलिस ब्लास्ट फर्नेस- 1 से 7 के ट्यूर्स चोरी के संबंध में पूछताछ कर रही है। यह सिलसिला तीन दिनों से चल रहा है। सीटू के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि श्रमिकों का मनोबल गिरता जा रहा है, इसके पूर्व एसपी-3 में हुई दुर्घटना के लिए भी 3 श्रमिकों का नाम दिए थे। जिसके बाद मामला तुल पकड़ लिया था। सीटू व इंटक नेता थाने तक पहुंच गए थे।
कुंडी काट कर की चोरी चोरों ने ट्यूर्स की चोरी कुंडी काटकर की है। यूनियन नाराज है कि सामान चोरी न हो, इसके लिए सीआईएसएफ को हर जगह प्रबंधन ने तैनात किया है फिर कर्मियों से पूछताछ क्यों की जा रही है? सूचना मिलने पर इंटक से महासचिव एसके बघेल, संजय साहू, वंश बहादुर सिंह, वीके मजूमदार, सुरेश कुमार भी थाना पहुंचे और थाना प्रभारी से कहा कि बयान लेने के बाद दोनों को छोड़ दिया जाए। थाना प्रभारी ने कहा कि अगर कर्मियों को कुछ जानकारी है, तो वह पुलिस को बताए। आशंका है कि चोर किसी न किसी से मिलकर ही यह चोरी किए हैं। जिस समय चोरी हुई, उस समय मौके पर इनकी ड्यूटी थी।
यहां नहीं है सीसीटीवी कैमरे बीएसपी में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जिस स्टोर से ट्यूर पार हुआ है, बताया जा रहा है। वहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। जिसकी वजह से कैमरे में चोरों की तस्वीर वाली बात ही खत्म हो गई है। इसलिए चोरी के आरोपी का पता लगाने में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ रही है। पुलिस बार-बार कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाती है, ताकि पूरे मामले में तह तक पहुंच सके। बीएसपी कर्मचारियों को इससे परेशानी हो रही है। इसलिए कई मामले लंबित रहे जाते हैं।
100 किलो से अधिक वजनी स्टोर के पास से ट्यूर को आसानी से पार नहीं किया जा सकता है। इसका वजन ही करीब 100 किलो से अधिक का है। इसे उठाने के लिए कम से 3 से अधिक लोगों की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद संयंत्र से बाहर लेकर जाने चौपहिया वाहन की जरूरत पड़ेगी। प्लांट के हर गेट पर सीआईएसएफ के जवान तैनात रहते हैं। वहां से उनकी मौजूदगी में यह बिना दस्तावेज के बाहर नहीं जा सकता।
यह है मामला यह चोरी प्लांट के डब्ल्यूएमडी बिल्डिंग के सामने मौजूद मैकेनिकल रिपेयर शॉप स्टोर से की गई है। यहां करीब 30 ट्यूर रखा था, जो पार कर दिया गया। सीआईएसएफ की टीम ने भी इसकी तलाश की, लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा।
कब आया और कहां गया सवाल उठ रहा है कि ३० से अधिक ट्यूर कब आया और कब पार हो गया। दस्तावेज में इस तरह से कोई खेल तो नहीं चल रहा है। उच्च प्रबंधन विभागीय जांच करवाए तो यह सामने आ सकता है। संयंत्र में प्रवेश करने वाले हर वाहन के दस्तावेजों का ऑन लाइन जांच हो रहा है। इसके बाद वाहन से माल चोरी कर ले जाया जाना आसान नहीं था।