आईजी त्यागी ने बताया कि वर्ष 2009 मे छत्तीसगढ़ में नक्सल का खात्मा करने सीमा सुरक्षा बल को कांकेर जिला में तैनात किया गया। 5 बटालियन और 23 सीओबी के साथ अपना सफर शुरू कर बीएसएफ ने माओवादियों पर ऐसा शिंकजा कसा कि उन्हें अपनी जमीन छोड़कर भागना पड़ा। नक्सली गतिविधियों पर शिकंजा 12 साल में 8 वाहिनीयों की 54 सीओबी की तैनाती से माओवादियों के पास अब सुरक्षित जगह ही नहीं बची। खासकर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ बार्डर में तैनात फोर्स ने माओवादियों के आवाजाही के रास्ते बंद कर हिए हैं।
आईजी त्यागी ने बताया कि ग्रामीणों के बीच विश्वास जीतने के बाद अब गांव के लोग फोर्स की मदद को भी आगे आते हैं। साथ ही सरेंडर किए नक्सली भी गाइड का काम करते हैं। जिससे उनका सूचनातंत्र और मजबूत हो गया है। उन्होंने कोविड काल में बल की ओर से किए गए सामाजिक सरोकार के कार्यो का भी ब्यौरा दिया साथ ही सिविक एक्शन प्लान के तहत युवाओं के भारत भ्रमण, गांवों में जरूरी सामग्री का वितरण, इलाज के लिए दी जा रही सुविधा को बताया।
– नए स्कूल – 62
-अस्पताल – 16
– आंगनबाड़ी – 103
-पंचायत भवन – 22
– कम्युनिटी हॉल – 19
– कलवट व छोटे पुल- 169
-अंदरूनी क्षेत्रों में लगभग
550 किमी सड़क निर्माण कार्य
-18 दुर्दान्त नक्सलियों को मार गिराया गया
-1079 नक्सलियों की गिरफ्तारी
– 102 हार्डकोर नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराया गया।
-489 से अधिक आईईडी (जिन्दा बम्ब) की बरामद