scriptBSF 56 वां स्थापना दिवस, छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के मांद में घुसकर जवानों ने लाल आतंक को दी चुनौती, अब सरेंडर नक्सली बने साथी | 56th Raising Day of BSF, read the story of bravery of soldiers | Patrika News

BSF 56 वां स्थापना दिवस, छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के मांद में घुसकर जवानों ने लाल आतंक को दी चुनौती, अब सरेंडर नक्सली बने साथी

locationभिलाईPublished: Nov 24, 2021 01:37:15 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

BSF आईजी त्यागी ने बताया कि वर्ष 2009 मे छत्तीसगढ़ में नक्सल का खात्मा करने सीमा सुरक्षा बल को कांकेर जिला में तैनात किया गया।

BSF 56 वां स्थापना दिवस, छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के मांद में घुसकर जवानों ने लाल आतंक को दी चुनौती, अब सरेंडर नक्सली बने साथी

BSF 56 वां स्थापना दिवस, छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के मांद में घुसकर जवानों ने लाल आतंक को दी चुनौती, अब सरेंडर नक्सली बने साथी

भिलाई. बीएसएफ ने माओवादियों की मांद में घुसकर उन्हें पीछे धकेला है। प्रतापपुर-अंतागढ़ मार्ग बनने और कटगांव और आसपास सीओबी बनाकर जैसे-जैसे बीएसएफ माओवादी क्षेत्र में आगे बढ़ी, आसपास के गांवों में विकास के रास्ते खुलते गए। अब तक 550 किलोमीटर से ज्यादा की सड़क बीएसएफ (BSF) के सुरक्षा साएं में तैयार हुई। वहीं अब माओवादी के गढ़ माने जाने वाले प्रतातपुर-माहला-कोयलीबेड़ा और अंतागढ़ से आमाबेड़ा क्षेत्र में बनने जा रही सड़क गेम चेंजर बन गई है। क्योंकि इससे माओवादियों को अब पीछे हटना पड़ा। जिन गांवों के लिए 15 साल पहले सड़के स्वीकृति थी वह अब जा कर बनी है। और जंगलों के बीच बसे गांवों तक सड़के पहुंचने के बाद लोगों की सोच भी बदल गई है और वे भी अब आगे बढऩा चाहते हैं। यह बातें बीएसएफ छत्तीसगढ़ के आईजी एसके त्यागी ने कही। उन्होंने बताया कि कटगांव, महला, प्रपातपुर के बाद अब रावघाट की पहाडिय़ों पर अंजरेल आदि स्थानों पर पोस्ट खुलने के बाद सुरक्षा को लेकर लोगों का विश्वास और बढ़ा है।
23 से 54 सीओबी का सफर
आईजी त्यागी ने बताया कि वर्ष 2009 मे छत्तीसगढ़ में नक्सल का खात्मा करने सीमा सुरक्षा बल को कांकेर जिला में तैनात किया गया। 5 बटालियन और 23 सीओबी के साथ अपना सफर शुरू कर बीएसएफ ने माओवादियों पर ऐसा शिंकजा कसा कि उन्हें अपनी जमीन छोड़कर भागना पड़ा। नक्सली गतिविधियों पर शिकंजा 12 साल में 8 वाहिनीयों की 54 सीओबी की तैनाती से माओवादियों के पास अब सुरक्षित जगह ही नहीं बची। खासकर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ बार्डर में तैनात फोर्स ने माओवादियों के आवाजाही के रास्ते बंद कर हिए हैं।
सरेंडर नक्सली देते हैं साथ
आईजी त्यागी ने बताया कि ग्रामीणों के बीच विश्वास जीतने के बाद अब गांव के लोग फोर्स की मदद को भी आगे आते हैं। साथ ही सरेंडर किए नक्सली भी गाइड का काम करते हैं। जिससे उनका सूचनातंत्र और मजबूत हो गया है। उन्होंने कोविड काल में बल की ओर से किए गए सामाजिक सरोकार के कार्यो का भी ब्यौरा दिया साथ ही सिविक एक्शन प्लान के तहत युवाओं के भारत भ्रमण, गांवों में जरूरी सामग्री का वितरण, इलाज के लिए दी जा रही सुविधा को बताया।
BSF के सुरक्षा साए में यह हुए निर्माण
– नए स्कूल – 62
-अस्पताल – 16
– आंगनबाड़ी – 103
-पंचायत भवन – 22
– कम्युनिटी हॉल – 19
– कलवट व छोटे पुल- 169
-अंदरूनी क्षेत्रों में लगभग
550 किमी सड़क निर्माण कार्य
यह है उपलब्धियां
-18 दुर्दान्त नक्सलियों को मार गिराया गया
-1079 नक्सलियों की गिरफ्तारी
– 102 हार्डकोर नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराया गया।
-489 से अधिक आईईडी (जिन्दा बम्ब) की बरामद

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