आज हुआ पीएम
कैंप निवासी रंजीत सिंह का सोमवार को पोस्ट मार्टम किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग चीरघर पहुंचे हुए थे। दूसरी ओर पुलिस की टीम हत्या के फरार आरोपी लोकेश पाण्डेय की दुकानों को बुलडोजर से ढहाने व सील करने में जुटी थी।
राजनांदगांव में छुपे थे हत्यारे
सूत्रों के मुताबिक हत्या करने के बाद आरोपियों में से 5 सदस्य राजनांदगांव में जाकर छुप गए थे। पुलिस को मुखबीरी हुई। उच्चाधिकारियों के कहने पर गठित टीम वहां पहुंची। पुलिस को जानकारी मिली कि हत्यारे वहां से भाग निकले हैं। टीम इसके बाद अगले मैसेज का इंतजार करने लगी।
खैरागढ़ की ओर जाने की खबर मिली
पुलिस की टीम को मोबाइल ट्रेसिंग करने पर जानकारी मिली कि खैरागढ़ के लिए रवाना हो गए हैं। टीम खैरागढ़ की ओर बढ़ गई। वहां पहुंचने पर मालूम हुआ कि यहां आए थे और कुछ देर पहले ही निकले हैं। वहां टीम अगले मैसेज के इंतजार में रुकी।
धमधा रोड की ओर बढऩे की खबर
पुलिस की टीम को मालूम हुआ कि वे किसी ढाबा में ठहरकर खाना खाने वाले हैं। इसके बाद आगे बढ़ जाएंगे। टीम ने सीधे धमधा रोड की ओर रुख किया। पुलिस उस ढाबा तक भी पहुंच गई, जहां वे खाना खाने निकले थे। वहां जानकारी मिली कि खाना खाने के बाद पांचों सदस्य निकल गए हैं।
लगाई गई दूसरी टीम
इसके बाद आला अधिकारियों ने दूसरे दिशा से एक टीम को सिविल यूनिफार्म में रवाना किया। दोनों टीम के बीच आरोपी फंस गए और घेराबंदी कर पुलिस ने पांचों आरोपियों को धर-दबोचा। इसके बाद एक अन्य आरोपी भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस के लिए यह बड़ी सफलता है कि शनिवार की रात हुई हत्या के मामले में सोमवार तक 6 आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इसमें क्राइम ब्रांच की भूमिका अहम रही है। वहीं दूसरी ओर फरार भाजपा नेता की तलाश में टीम शिद्दत से जुटी है।
वर्चस्व की लड़ाई
आशंका है कि दोनों के मध्य वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई थी। एक ओर रंजीत और उसके दोस्त थे। दूसरी ओर सोना और उसका गैंग था। इस मामले में पुलिस ने अब तक सोना उर्फ जे अब्राहम, गणेश्वर, भूपेंद्र, टीपू उर्फ अमन, पिंटू एक अन्य को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
दुकान को किया सील
पुलिस ने इस मामले में निगम के बुलडोजर से भाजपा नेता के दुकान को सील किया है। जिसमें हत्या में उपयोग किए गए बेस, डंडा समेत अन्य सामान रखा गया था। इसके साथ-साथ खून से लथपथ कपड़ा भी दुकान की छत पर मिला। इस दुकान की फोरेंसिक जांच की जानी है, जिसकी वजह से सील करके रखा गया है। वहीं एक दुकान को ढहा दिया गया।
7 में 6 हैं हिरासत में
अभिषेक पल्लव, पुलिस अधीक्षक, दुर्ग ने बताया कि अब तक 7 में से 6 आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है। दुकान को सील इस वजह से किए हैं क्योंकि फोरेंसिक जांच से साक्ष्य एकत्र किया जाना है।