बीएसपी का एक कर्मचारी कोरोना का इलाज करवाने के बाद ठीक हो चुका था। जिसके बाद वह ब्लैक फंगस का शिकार हो गया। जब उसने आंख के एक चिकित्सक से जांच करवाया वहां से सलाह मिलने पर नाक के विशेषज्ञ से मिला। तब साफ हुआ है कि वह ब्लैक फंगस से संक्रमित हो चुका है। चिकित्सक ने मरीज की स्थिति को देखते हुए नाक काटकर ऑपरेशन की बात कही। ऑपरेशन निजी अस्पताल में समय पर करवा लिया गया, तब स्थिति बेहतर है।
भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-9 हॉस्पिटल में ब्लैक फंगस के 9 कनफर्म केस मिले थे। जिसमें से कई मरीजों को हायर सेंटर रेफर किए गए हैं। इसके बाद अब 6 मरीजों का यहां उपचार जारी है। एक मरीज की मौत 11 मई को हो चुकी है। डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर, सीएमएचओ दुर्ग ने बताया कि ब्लैक फंगस को लेकर बीएसपी के सेक्टर-9 अस्पताल में चार मरीजों का इलाज जारी था। नए केस भी कुछ आ रहे हैं। जिला अस्पताल में अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है।
राजधानी रायपुर में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के मरीज से तेजी से बढ़ रहे हैं। महज एक सप्ताह में रायपुर में 70 से ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीज मिले हैं। जिसमें सबसे ज्यादा 30 मरीज एम्स में भर्ती हैं। वहीं बाकी मरीजों को आंबेडकर अस्पताल और शहर के अन्य निजी अस्पतालों में उपचार चल रहा है। इसी बीच एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर नितिन एम नागरकर ने डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि यह फंगस 24 घंटे तक वातावरण में रहता है। यदि शरीर की इम्युनिटी अच्छी है तो इस फंगस का कोई असर नहीं पड़ता। शुगर पेशेंट की इम्युनिटी काफी कम होती है इसलिए यह उन पर तेजी से अटैक कर रहा है।