scriptबार-बार फेल होने से परेशान 65 साल का स्टूडेंट पहुंचा यूनिवर्सिटी, प्रबंधन से पूछा सवाल तो मच गया हड़कंप | 65-year student complained failure due to failure in Durg University | Patrika News

बार-बार फेल होने से परेशान 65 साल का स्टूडेंट पहुंचा यूनिवर्सिटी, प्रबंधन से पूछा सवाल तो मच गया हड़कंप

locationभिलाईPublished: Jan 25, 2020 03:41:46 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

शिकायत के बाद विवि (Hemchand Yadav Vishwavidyalaya) तुरंत हरकत में आया और पहली बार एलएलबी (LLB) की कॉपियां जांचने दुर्ग संभाग के बाहर भेजी गई है। (Durg News)
 

बार-बार फेल होने से परेशान 65 साल का स्टूडेंट पहुंचा यूनिवर्सिटी, प्रबंधन से पूछा सवाल तो मच गया हड़कंप

बार-बार फेल होने से परेशान 65 साल का स्टूडेंट पहुंचा यूनिवर्सिटी, प्रबंधन से पूछा सवाल तो मच गया हड़कंप

भिलाई. उम्र 65 साल। पेशा, बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारी। नाम है पीएन भास्कर राव। एक दिन हेमचंद यादव विवि में दाखिल हुए और अधिकारी के पास पहुंचकर शिकायत दे दी। लिखा- मैं, भिलाई के एक निजी कॉलेज से एलएलबी (LLB Course) पढ़ रहा हूं, पर मुझे हर बार फेल कर दिया जाता है। मुझे उत्तरपुस्तिका जांच में पारदर्शिता नहीं दिखती। उनकी इस शिकायत के बाद विवि तुरंत हरकत में आया और पहली बार एलएलबी की कॉपियां जांचने दुर्ग संभाग के बाहर भेजी गई है। भास्कर ने विवि से अपनी उत्तरपुस्तिका भी निकलवाई, जिसे अधिकारी के सामने रखकर न्याय की मांग कर दी। विवि में यह पहली मर्तबा हुआ जब शिकायत मिलते ही उत्तरपुस्तिका जांच के दायरे में बदलाव किया गया। पूर्व में जिनके नाम उत्तरपुस्तिका जांच कराने के लिए सामने रखा गया था, उनके अलावा दूसरों से कॉपियों की जांच कराने भेजा गया। आगामी 15 दिनों के भीतर परीक्षा के नतीजे जारी होंगे।
बार-बार फेल होने से परेशान 65 साल का स्टूडेंट पहुंचा यूनिवर्सिटी, प्रबंधन से पूछा सवाल तो मच गया हड़कंप
हैंडराइटिंग को बताया गया वजह
शिकायतकर्ता ने विवि को बताया कि उसे हर विषय में फेल किया गया। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उत्तरपुस्तिका में लिखे गए उत्तर सही थे या नहीं। विवि ने पारदर्शिता बनाने के मकसद से भास्कर राव के साथ करीब हजार विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिकाएं भी बाहर जंचवाने भिजवाई हैं। सूत्रों का कहना है कि शिकायतकर्ता की लिखावट (हैंडराइटिंग) सही नहीं थी। जिसके चलते परिणाम ऐसे आए। उत्तर पुस्तिका बाहर भेजने के फैसले के बाद से ही दुर्ग संभाग के चार लॉ कॉलेज में तरह तरह की चर्चाएं गर्म हो गईं। एलएलबी की परीक्षा लिखने का माध्यम पहले अंग्रेजी चुना, लेकिन बाद में हिंदी माध्यम से इम्तेहान दिया। कॉलेज में लॉ के अन्य विद्यार्थियों ने बताया कि इससे पहले वे एक बार कॉलेज से टीसी लेकर जा चुके थे, लेकिन दोबारा वापस लौटकर एडमिशन लिया।
इस साल से एलएलबी में यह बदला नियम
हे मचंद यादव विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिली है। अब उनको अपना कोर्स पूरा करने के लिए एक साल का समय और मिलेगा। पहले तक तीन साल के एलएलबी कोर्स को अधिकतम ५ साल में पूरा करने की बाध्यता थी, लेकिन इसमें बदलाव करते हुए विवि ने एन+२+१ का प्रावधान लागू कर दिया है। 12 जनवरी को हुई विद्या परिषद की बैठक में अध्ययन मंडल और लॉ संकाय अध्यक्ष की अनुशंसा पर सहमति दी गई। बदले हुए नियम से एलएलबी के चौथे व पांचवे सेमेस्टर के बाद एटीकेटी आने वाले विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सकेगा। यह नियम इसी सत्र से प्रभावी हो जाएगा। हेमचंद यादव विवि कुलसचिव डॉ. सीएल देवांगन ने बताया कि शिकायत मिली थी, जिसके बाद एलएलबी की मुख्य परीक्षा और एटीकेटी की उत्तरपुस्तिका जांच के लिए बाहर भेजने का निर्णय हुआ। कुलपति से उक्त विद्यार्थी ने शिकायत की है।
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