भिलाई में बीएसएफ का फ्रंटीयर हेड क्र्वाटर होने के कारण यहां हजारों की संख्या में बीएसएफ जवान छुट्टी से लौटे हैं। इतनी बड़ी संख्या के हिसाब से बीएसएफ का क्वारंटाइन सेंटर जवानों के लिए नाकाफी साबित हो रहा है। वहीं क्वारंटाइन सेंटर में अव्यवस्थाओं की कई तस्वीरें पहले भी सामने आ चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने भी बीएसएफ की लापरवाही के कारण जवानों की संक्रमित होने की बात कही है। दुर्ग जिले में अब तक मिले कोरोना संक्रमितों में आधे संख्या बीएसएफ जवानों की है। सबसे प्रभावित क्षेत्र में बीएसएफ कैंप शामिल है। दो दिन पहले बीएसएफ के 28 वर्षीय जवान की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी।
जिले में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब सर्वाधिक मरीज आईटीबीपी से आ रहे हैं। क्वारंटाइन में रह रहे आईटीबीपी के जवानों के बाद अब माओवादी मोर्चे पर लगे कैम्प से भी जवान कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। शुक्रवार को जिले में मिले 28 कोरोना केस में 22 आईटीबीपी से हैं। डोंगरगढ़ जेल में बंद दो कैदी भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
भी राहत की बात है कि जवान ठीक भी हो रहे हैं।
आईटीबीपी के जवानों के पॉजिटिव आने के संबंध में पता चला था कि बटालियन बदलने और नई बटालियन के केरल से आने के कारण जवान कोरोना संक्रमित निकल रहे हैं। शुरुआत में राहत की बात थी कि सोमनी के माडल कॉलेज में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर से जवानों के संक्रमण का मामला सामने आ रहा था लेकिन अब नक्सल मोर्चे पर जंगल में बने कैंप से जवान संक्रमित हो रहे हैं, यह बडी़ चिंता की बात है। फील्ड में बने कैम्प में जिला पुलिस बल और डीआरजी के साथ ही अन्य टुकडी़ और आईटीबीपी एक साथ रहती है, ऐसे में यदि संक्रमण दूसरे जवानों में फैला तो संकट गहरा सकता है।