scriptराजनांदगांव जिले के 27 वीआईपी सहित नेताओं के रिश्तेदारों की सुरक्षा में लगे हैं 84 पीएसओ, पढि़ए पूरी खबर | 84 PSO are engaged in protecting relatives of leaders including 27 VIP | Patrika News

राजनांदगांव जिले के 27 वीआईपी सहित नेताओं के रिश्तेदारों की सुरक्षा में लगे हैं 84 पीएसओ, पढि़ए पूरी खबर

locationभिलाईPublished: Mar 14, 2018 05:16:48 pm

राजनीति में रूतबे और रौब की पहचान सिर्फ पद से नहीं होती, इस बात से भी होती है कि आगे-पीछे कितने सुरक्षा कर्मी तैनात हैं।

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अतुल श्रीवास्तव.राजनांदगांव. राजनीति में रूतबे और रौब की पहचान सिर्फ पद से नहीं होती, इस बात से भी होती है कि आगे-पीछे कितने सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। यही कारण है कि कई नेता पद चले जाने के बाद भी सुरक्षाकर्मी साथ रखने का मोह नहीं छोड़ पाते। जिले में इस वक्त २७ ऐसे विशिष्ट व्यक्ति हैं, जिनको सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए गए हैं। पीएचक्यू और जिला पुलिस बल को मिलाकर कुल ८४ पर्सनल सिक्यूरिटी ऑफिसर (पीएसओ) इन नेताओं और उनके रिश्तेदारों को दिए गए हैं। इनमें सांसद से लेकर पूर्व विधायक और सत्ताधारी पार्टी के नेता भी शामिल हैं।
पद जाने के बाद भी नेता पीएसओ का मोह नहीं छोड़ते
राजनांदगांव के नक्सल प्रभावित जिला होने के कारण नेताओं और जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा का ख्याल जिला पुलिस बल और पुलिस मुख्यालय की ओर से गंभीरता से रखा जा रहा है। यही वजह है कि पद में रहने वाले जनप्रतिनिधियों के अलावा भूतपूर्व हो चुके नेताओं और उनके रिश्तेदारों को भी पीएसओ दिया गया है। विभाग समय-समय पर दी गई सुरक्षा का रिव्यू भी करता है और उनके आग्रह पर पीएसओ की सुरक्षा को जारी रखता है। अमूमन पद जाने के बाद भी नेता पीएसओ का मोह नहीं छोड़ते।
नेताओं और उनके रिश्तेदारों को भी पीएसओ
पुलिस मुख्यालय की ओर से जिन लोगों को पीएसओ उपलब्ध कराए गए हैं उनमें भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह का नाम प्रमुख है। बिना निर्वाचित प्रतिनिधि रहे सिंह को पांच पीएसओ दिए गए हैं। इनके अलावा बस्तर में माओवादी हमले में मारे गए पूर्व विधायक उदय मुदलियार की पत्नी अलका मुदलियार, पुत्र जितेन्द्र मुदलियार और पुत्री मिनी मुदलियार, तीनों को दो-दो पीएसओ दिए गए हैं।
एक जेड प्लस और दो जेड श्रेणी
राजनांदगांव जिले में जेड प्लस सुरक्षा हासिल करने वाले सांसद अभिषेक सिंह इकलौते व्यक्ति हैं। मुख्यमंत्री के पुत्र होने और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के सांसद होने के नाते सिंह को इस श्रेणी की सुविधा दी गई है। इस श्रेणी की सुरक्षा में ५५ कर्मियों का सुरक्षा कवर होता है जिसमें १० कमांडो शामिल होते हंै। हालांकि सांसद सिंह को पीएचक्यू की ओर से नौ पीएसओ दिए गए हैं। पूर्व सांसद और महापौर मधुसूदन यादव और नक्सल प्रभावित मोहला-मानपुर की विधायक तेजकुंवर नेताम को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इस श्रेणी में २२ कर्मियों का सुरक्षा कवर होता है जिसमें ४ से ५ कमांडो होने चाहिए। इन दोनों को पीएचक्यू ने छह-छह पीएसओ उपलब्ध कराए हैं।
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